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वैशाली जिले में हर महीने एक मासूम बच्ची बनती है शिकार

दरिंदों ने मासूमों पर अत्याचार की पराकाष्ठा को किया पार छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के साथ हो रहे लगातार अत्याचार से वैशाली की पावन धरती कांप उठी है. अन्याय एवं जुल्म की सारी हद पार होती जा रही है.जिले में अब तक महज छह माह में छह मासूम बच्चियों को रेप एवं हत्या का शिकार बनाया […]

दरिंदों ने मासूमों पर अत्याचार की पराकाष्ठा को किया पार
छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के साथ हो रहे लगातार अत्याचार से वैशाली की पावन धरती कांप उठी है. अन्याय एवं जुल्म की सारी हद पार होती जा रही है.जिले में अब तक महज छह माह में छह मासूम बच्चियों को रेप एवं हत्या का शिकार बनाया गया है.
औसतन हर महीने एक बालिका की बलि चढ़ायी जा रही है. इस तरह की घटना से मानवता शर्मसार होती है. फिर दोषियों को सजा देने में चूक एवं देरी क्यों होती है.
हाजीपुर : वैशाली जिले के विभिन्न गांवों में अबोध बच्चियों की हत्या से सनसनी फैलती जा रही है. वहीं इन मासूमों के साथ रेप की घटनाओं से आम लोगों की रूह कांप रही है. अब तो स्थिति इतनी भयावह हो गयी है कि लोग अपनी बच्ची को अकेले एक पल भी छोड़ना नहीं चाहते हैं. हमेशा में दहशत में रहने लगे हैं. यहां तक कि एक -दूसरे पर से विश्वास भी खत्म हो रहा है. कहीं पड़ोस के युवक मासूमों की जिंदगी से खेलते हैं, तो कहीं रिश्ते को कलंकित किया जा रहा है.
कब किसके साथ हुआ दुष्कर्म व हत्या
पिछले वर्ष की आखिरी महीने के 20 दिसंबर को सराय थाना क्षेत्र के दामोदर पुर गांव में सात वर्षीया सीता कुमारी की लाश मिली थी. वह बंगाल के रहनेवाले तुलसी सिंह की पुत्री थी. उसकी हत्या चाकू घोंप कर की गयी थी. शंका यह भी जतायी गयी था कि हत्या करने से पहले बच्ची के साथ रेप भी किया गया था.
इस साल 11 फरवरी को वैशाली थाना क्षेत्र के हुसेना राघव गांव में महज एक वर्ष की बच्ची की गला दबा कर हत्या कर दी गयी थी. बड़ों के विवाद में इस मासूम बच्ची की जान ले ली गयी.
विगत सात अप्रैल को सहदेई ओपी के अंधड़वाड़ा गांव में स्थित ईंट की चिमनी पर काम करने वाले गुमला जिले के निवासी राम वृक्ष उड़ाव की तीन वर्ष की पुत्री पार्वती की हत्या ईंट से कूच कर की गयी थी.
दो दिन पहले लालगंज थाना क्षेत्र के वसंता जहानाबाद गांव में आठ वर्ष की बालिका की लाश मिली थी. मृतका सरस्वती कुमारी थी. परिजनों ने हत्या करने के पहले रेप करने का आरोप लगाया था.
इसी महीने की चार मई को महुआ के डगरू गांव में हैवानों ने हवस की भूख मिटाने के लिए दस साल की किशोरी को शिकार बनाया.पीड़िता पीएमसीएच में मौत से जूझ रही है.
महुआ का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक दरिंदे ने भगवानपुर के रामपुर बखरा गांव में सात मई को सात वर्ष की बच्ची के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया.
क्या कहती हैं समाजसेवी महिलाएं
वर्तमान की परिस्थिति को देखने से लगता है कि बेटी के रूप में जन्म लेना गुनाह है. रेप, छेड़खानी एवं हत्या की घटना का पर्याय बेटी को किसी-न-किसी रूप में बनना पड़ रहा है. बेटी एवं बहू के प्रति इज्जत की भावना होनी चाहिए.
रीता कुमारी, सरपंच
मासूम बच्चियों के साथ जुर्म करने वाले को त्वरित सजा मिलने का प्रावधान होना चाहिए. इससे इस तरह की मंशा रखनेवाले के अंदर डर पैदा हो.
सरिता कुमारी, अधिवक्ता
मासूमों की जिंदगी बरबाद करनेवालों के खिलाफ प्रशासन एवं न्यायालय द्वारा कड़ी-से-कड़ी सजा मिलनी चाहिए. हम महिलाएं मांग करती हैं कि हाल के दिनों में हुई घटनाओं के दोषियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाये.
करुणा, महिला अधिकारी, अल्पावास गृह
ऐसी घटनाओं के लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है. बार-बार घटना होने के बाद भी सरकार चुप है. रेप एवं हत्या करनेवालों के खिलाफ कड़ी एवं त्वरित सजा देने का प्रावधान होना चाहिए.
सुशीला चंद्रवंशी, प्रदेश महासचिव, कांग्रेस

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