जमुई. नियोजित शिक्षकों की हड़ताल की वजह से अभी तक मैट्रिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हो पाया है. इसकी वजह से परीक्षा फल का प्रकाशन ससमय नहीं हो पायेगा. उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रारंभ नहीं होने के कारण छात्रों को अभी से ही दूसरे प्रदेश के महाविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में नामांकन नहीं होने की चिंता अभी से ही सताने लगी है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 25 मई तक परीक्षा फल प्रकाशित करने की घोषणा की गयी थी. लेकिन नियोजित शिक्षकों के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मूल्यांकन कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. अगर हड़ताल की अवधि लंबी रही तो मौजूदा परिस्थिति में जून माह के अंत तक भी परीक्षा फल का प्रकाशन होना संभव नहीं दिख रहा है.ऐसी स्थिति में उन अभिभावकों में मायूसी छायी चली जा रही है जो अपने बच्चों का नामांकन दिल्ली,राजस्थान,मध्य प्रदेश समेत दूसरे प्रदेशों के इंटर स्तरीय कॉलेजों में कराने की सोच रहे हैं. विदित हो कि 21 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी और वे इस समय परीक्षा फल के आने का इंतजार कर रहे हैं. कई अभिभावकों की मानें तो परीक्षाफल के प्रकाशन में विलंब हुआ तो हम अपने बच्चों का नामांकन अच्छे विश्वविद्यालयों में चाह कर भी नहीं करा पायेंगे.कहते हैं डीइओ इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन और परीक्षाफल का प्रकाशन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर ही निर्भर करता है. शिक्षकों के हड़ताल के मद्देनजर बोर्ड या सरकार के निर्देशानुसार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन संभव हो पायेगा.
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नामांकन से महरुम रह जायेंगे हजारों छात्र
जमुई. नियोजित शिक्षकों की हड़ताल की वजह से अभी तक मैट्रिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हो पाया है. इसकी वजह से परीक्षा फल का प्रकाशन ससमय नहीं हो पायेगा. उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रारंभ नहीं होने के कारण छात्रों को अभी से ही दूसरे प्रदेश के महाविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में नामांकन […]
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