झाझा. सूबे एवं केंद्र की सरकार नौनिहालों के सर्वांगीण विकास के लिए नित्य नयी-नयी योजनाएं चला रही है, ताकि स्वस्थ समाज के साथ विकसित देश का निर्माण किया जा सके. परंतु झाझा नगर एवं प्रखंड क्षेत्र में संचालित सत्तर प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन नसीब नहीं है. केंद्र का अपना भवन नहीं रहने की वजह से बच्चों का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है. केंद्र पर चापाकल, शौचालय सहित अन्य सुविधा नहीं रहने के कारण बच्चों को समक्ष परेशानी होती है. जानकारी के अनुसार प्रखंड एवं नगर क्षेत्र में कुल 268 आंगनबाड़ी केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हैं. जिसमें बाल विकास परियोजना के पास मात्र 79 आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन है. जिसमें एक सौ 65 केंद्र किराया के भवन में जबकि पंद्रह केंद्र पंचायत भवन या सरकारी भवन में संचालित हो रहा है. नौ केंद्र सेविकाओं की विभिन्न समस्याओं के चलते संचालित नहीं है. बसपा नेता राजू यादव,माकपा के योगेंद्र रावत समेत कई लोगों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन नहीं रहने के कारण केंद्र का संचालन भी सही तरीके से नहीं हो पाता है. जबकि सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का दिशा निर्देश जारी कर चुका है. इस बाबत बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी देवमणि ने बताया कि लगभग 75 भवन निर्माणाधीन हैं. कुल 39 केंद्रों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है. दो केंद्र विवादित है. भाड़े पर चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भी सरकार के पास भवन बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है. सरकार से राशि का आवंटन होते ही भवन हीन आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन निर्माण करवा दिया जायेगा.
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70 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन नहीं
झाझा. सूबे एवं केंद्र की सरकार नौनिहालों के सर्वांगीण विकास के लिए नित्य नयी-नयी योजनाएं चला रही है, ताकि स्वस्थ समाज के साथ विकसित देश का निर्माण किया जा सके. परंतु झाझा नगर एवं प्रखंड क्षेत्र में संचालित सत्तर प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन नसीब नहीं है. केंद्र का अपना भवन नहीं रहने की […]
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