लंदन : ब्रिटेन में आम चुनाव को लेकर आज मतदान शुरू हो चुका है. लगभग 50,000 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर मतदान किया जा रहा है. स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे से रात दस बजे तक मतदान होगा. भारतीय समयानुसार मतदान सुबह 11:30 बजे से शुरू हुआ. आम चुनाव के लिये बुधवार को राजनीतिक दलों ने आखिरी समय में मतदाताओं को लुभाने की पुरजोर कोशिश की.
इस चुनाव में खंडित जनादेश के आसार हैं लेकिन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की कंजरवेटिव पार्टी को मामूली बढत मिलने की संभावना जतायी गयी है. सत्तारुढ गठबंधन के दोनों दल कंजरवेटिव पार्टी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी तथा विपक्षी लेबर पार्टी कांटे की टक्कर वाले इस चुनाव में आखिरी समय में मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की गयी क्योंकि इस चुनाव में एक-एक वोट की निर्णायक साबित हो सकता है.
चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में निरंतर यह बात सामने आ रही है कि दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर है. इस चुनाव में भारतीय मूल के मतदाताओं की अहम भूमिका रहने वाली है. ताजा सर्वेक्षणों के मुताबिक कंजरवेटिव को विपक्षी लेबर पार्टी के मुकाबले मामूली बढत मिल सकती है. कैमरन की पार्टी को 34 फीसदी और एड मिलीबैंड की पार्टी को 33 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. निक क्लेग के नेतृत्व वाली लिबरल डेमोक्रेट का आधार इस साल काफी कम हुआ है.
सर्वेक्षणों के मुताबिक वह चौथे स्थान पर नजर आ रही है. तीसरे स्थान पर यूके इंडिपेंडेंट पार्टी (यूकेआइपी) नजर आ रही है. ब्रिटेन में भारतीय मूल के मतदाताओं की संख्या करीब 615,000 मानी जाती है. ऐसे में भारतीय मूल के लोगों की भूमिका अहम रहने वाली है. कुल मतदाता करीब 4.5 करोड हैं. साल 2010 में हुए पिछले आम चुनाव में भारतीय मूल के आठ लोग संसद के लिए चुने गये थे जिनमें दो महिलाएं शामिल थीं.
लेबर पार्टी के सांसद कीथ वैज की लीसेस्टर ईस्ट सीट इस बार काफी सुरक्षित नजर आ रही है. उनकी बहन वेलेरी वैज वालसाल साउथ सीट को बचाने को कोशिश में हैं. कंजरवेटिव पार्टी ने इस बार भारतीय मूल के 17 लोगों को अपना उम्मीदवार बनाया है तो लेबर और लिबरल डेमोक्रेट ने भारतीय मूल के 14-14 लोगों को टिकट दिये हैं. ब्रिटेन की 650 सदस्यीय संसद में बहुमत के लिए 326 सदस्यों की जरुरत होती है.
साल 2010 में हुए पिछले आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को 307 और लेबर को 258 सीटें मिली थीं. ब्रिटेन में चुनावी नियमों के मुताबिक पार्टियां मतदान वाले दिन स्वेच्छा से प्रचार अभियान रोक देती हैं. भारतीय मूल के उम्मीदवारों में इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक शामिल हैं. अमनदीप सिंह भोगल उत्तरी आयरलैंड में चुनाव लड रहे हैं. वह यहां चुनाव लडने वाले पहले सिख हैं.