नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आगामी मॉस्को दौरे पर रुसी समकक्ष ब्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी मुलाकात के दौरान दोनों देश असैन्य परमाणु उर्जा, रक्षा एवं उच्च शिक्षा सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे.विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि इस यात्र के दौरान भारत पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति से संबंधित रुसी कदम का मुद्दा उठा सकता है. मुखर्जी नौ मई को 70वें विजय दिवस समारोह में शामिल होंगे.
जयशंकर ने कहा, ‘‘हम भारत-रुस संबंध को अक्सर समय की कसौटी पर खरा और विश्वसनीय कहते हैं. यह रिश्ता बहुत गहरा है. भारतीयों में रुस के प्रति बहुत सम्मान है. हमारा रुस के साथ सबसे मजबूत रणनीतिक संबंध रहा है और हमारा रक्षा सहयोग भी बहुत मजबूत है.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति का मुद्दा रुस के समक्ष उठाएगा विदेश सचिव ने कहा, ‘‘हमारे बीच सभी द्विपक्षीय मामलों को सुलझाने के लिए बहुत मजबूत व्यवस्था है. हमारे राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात के दौरान सभी प्रासंगिक द्विपक्षीय मुद्दे उठेंगे. परंतु मैं पहले से अनुमान नही लगाना चाहता.’’ उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2014 में पुतिन के भारत दौरे के समय दोनों देशों ने असैन्य परमाणु सहयोग के लिए साझा कार्य समूह गठित करने का फैसला किया था और इस बार की द्विपक्षीय वार्ता में यह मुद्दा भी उठ सकता है.
राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी रुस जाएगा जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति तथा दिल्ली, बाम्बे और मद्रास स्थित तीनों आईआईटी के निदेशक भी शामिल होंगे.