एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में लिव इन रिलेशन में रह रही महिला को गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार दिया है. कोर्ट ने एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ 9 साल से लिव इन में रही रही महिला को यह अधिकार दिया है. यह शादीशुदा व्यक्ति मुंबई में फिल्म निर्देशक है. यह 1986 से 1995 तक एक महिला के साथ लिव इन रिलेशन में रहा था. गौरतलब है कि इस दौरान महिला ने एक बच्ची को जन्म भी दिया था.जज की फटकारमुंबई का रहने वाला यह शख्स पहले से शादीशुदा था और चार बच्चों का पिता भी है. इस व्यक्ति ने कोर्ट के सामने दलील दी कि केवल कानूनी रूप से की गयी शादी में महिला को गुजारा भत्ता पाने का अधिकार मिलता है. लेकिन जस्टिस विक्रमजीत सेन ने इस दलील को खारिज करते हुए इस व्यक्ति को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप मूर्खतापूर्ण बातें कर रहे हैं. जज ने इस मामले में बॉम्बे हाइकोर्ट के फैसले को भी बरकरार रखा. इस फैसले में इस व्यक्ति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था. महिला की बेटी 27 साल की हो चुकी है और फिलहाल इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल कर रही है.कोर्ट ने इस व्यक्ति की इस दलील पर उसे कड़ी फटकार लगायी कि जब उसकी इस महिला से मुलाकात हुई तब वह एक कॉल गर्ल थी. कोर्ट ने कहा कि आप कोर्ट से तो सहानुभूति की आशा करते हैं, लेकिन खुद एक गरीब महिला को कॉल गर्ल बताते हैं. महिला ने कोर्ट में दावा किया था कि इस व्यक्ति ने उससे मंदिर में शादी की थी.
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लिव इन रिलेशन में रह रही महिला भी गुजाराभत्ता की हकदार
एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में लिव इन रिलेशन में रह रही महिला को गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार दिया है. कोर्ट ने एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ 9 साल से लिव इन में रही रही महिला को यह अधिकार दिया है. यह शादीशुदा व्यक्ति मुंबई में फिल्म निर्देशक है. यह 1986 […]
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