शाम सात से नौ बजे तक गायब रहती है बिजली
बेतिया : ‘ई रोज-रोज साझ के बेरा लाइन काट देता. इन्वर्टर लगवा दी नाही त जेनेरेटर जोड़वा दी. अब हमरा के ई कटौती बरदाश्त नईखे होत. कल तक कवनो उपाय करीं ना त खाना बनावल बंद कई देब. गरमी अउर अंधेरा में हमरा से खाना ना बनी.’
यह किसी भोजपुरी फिल्म का सीन नहीं बल्कि बेतिया शहर के कमलनाथनगर मुहल्ले के राजेश महतो के घर की कहानी है. उनकी पत्नी ने अब साफ अंधेरे में खाना बनाने से मना कर दिया है.
आजकल यह सिर्फ राजेश के घर की कहानी नहीं बल्कि कहानी घर-घर की है. हकीकत में बिजली इधर, तीन दिनों से हर रोज मुहल्लों में शाम सात से नौ बजे तक गायब रह रही है. इन दो घंटों में थ्रीलर, सस्पेंस, इमोशन, ड्रामा के संग ही एक्शन भी भरपूर रहता है. एक्शन इसलिए क्योंकि बिजली कटौती पति-पत्नी के बीच कहासुनी की वजह बन जा रही है.
जब चाहा काट दी बिजली
शहर में बिजली कटौती का कोई शिडय़ूल निर्धारित नहीं रह गया है. जब अफसर चाह रहे तब बिजली काट दी जा रही है. खासकर शाम के समय कटौती ने लोगों को रूला रखा है.
ग्रिड में 20 लोड, ली 15
ग्रिड में लोड होने के बाद भी वितरण घर लोगों तक बिजली नहीं पहुंचा पा रहा है. सोमवार को ग्रिड से बताया गया कि उन्हें सीएलडी पटना से 20 मेगा वाट बिजली मिल रही है. डिस्ट्रीब्यूशन महज 15 का ही लोड ले रहा है.