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लखवी के समर्थन में खुलकर सामने आया हाफिज सईद

लाहौर: जकी-उर-रहमान लखवी के बेगुनाह होने का दावा करते हुए प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने आज कहा कि भारत 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में लखवी को सजा दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के माध्यम से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. सईद ने कहा, […]

लाहौर: जकी-उर-रहमान लखवी के बेगुनाह होने का दावा करते हुए प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने आज कहा कि भारत 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में लखवी को सजा दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के माध्यम से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है.

सईद ने कहा, ‘‘भारत के पास लखवी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उसने लखवी को सजा दिलाने के लिहाज से पाकिस्तान की सरकार पर दबाव बनाने के लिए हताशा में संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका से संपर्क किया है. भारत और संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान की न्यायप्रणाली में दखल देने का कोई हक नहीं है. भारत ने पहले कभी पाकिस्तानी अदालतों के फैसलों को कबूल नहीं किया है.’’ दुनिया टीवी ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक के हवाले से कहा कि लखवी बेगुनाह है क्योंकि मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में शामिल होने को लेकर उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
भारत द्वारा लखवी के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के साथ उठाये जाने के बाद सईद की टिप्पणी आई है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर पाकिस्तान की जेल से लखवी की रिहाई पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि यह अंतरराष्ट्रीय संस्था के प्रावधानों का उल्लंघन है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक समिति ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह अपनी अगली बैठक में लखवी के मुद्दे को उठाएगी.
इस सवाल पर कि सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवायी की तिथि तय क्यों नहीं कर रहा है, गुल ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट केवल जरुरी मामलों को सुनवाई के लिए लेता है. यद्यपि हमने उससे अनुरोध किया है कि वह हमारी याचिका के लिए जल्दी तिथि तय करे.’’दूसरी ओर लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने कहा कि उनके मुवक्किल के हिरासत मामले का लाहौर हाईकोर्ट द्वारा निपटारा किये जाने के बाद सरकार की याचिका ‘‘वापस ली हुई मानी जाएगी.’’
अब्बासी से कहा, ‘‘लाहौर हाईकोर्ट ने शीर्ष न्यायालय के अंतरिम आदेश के आलोक में पंजाब सरकार द्वारा लखवी की हिरासत मामले पर सुनवायी की थी. चूंकि लाहौर हाईकोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया है पंजाब सरकार ने लाहौर हाईकोर्ट के आदेश (लखवी की हिरासत को निलंबित करने के) को शीर्ष न्यायालय में चुनौती देने का कानूनी आधार गंवा दिया है.’’ उन्होंने कहा, सरकार की याचिका वापस ली हुई मानी जाएगी क्योंकि लाहौर हाईकोर्ट द्वारा मामले का निपटारा किये जाने के बाद यह अब प्रभावी नहीं रही.’’ गुल ने यद्यपि अब्बासी से सहमति नहीं जतायी और कहा, ‘‘सरकार की याचिका वापस ली हुई नहीं मानी जाएगी.’’पंजाब सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि लखवी की रिहाई से उसके लिए समस्याएं खडी हो गई हैं.
उसने सुरक्षा कानून के तहत लखवी की हिरासत को फिर से बहाल करने की मांग करते हुए कहा, ‘‘इसके अलावा इससे यह भी आशंका है कि लखवी की रिहाई से मुम्बई हमला मामले की जांच प्रभावित हो सकती है.’’ लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस मोहम्मद अनवारुल हक ने गत नौ अप्रैल को लखवी की हिरासत को निलंबित कर दिया था क्योंकि सरकार उसके खिलाफ अदालत में ‘‘संवेदनशील दस्तावेज’’ पेश करने में असफल रही थी.
सरकारी वकील ने लखवी की गतिविधियों के बारे में गुप्तचर एजेंसियों द्वारा तैयार की गई ‘‘संवेदनशील रिपोर्ट’’ पेश की लेकिन जज ने उस पर असंतुष्टि जतायी और कहा कि ‘‘याचिकाकर्ता की हिरासत के लिए सरकार की ओर से उल्लेखित कारण पर्याप्त नहीं हैं.’’ 10 अप्रैल को लखवी को रावलपिंडी की अदियाला जेल से रिहा कर दिया गया. लखवी को छह वर्ष पहले मुम्बई आतंकवादी हमला मामले में गिरफ्तार किया गया था.
निचली अदालत की ओर से 14 दिसम्बर 2014 को लखवी को जमानत दिये जाने के बाद सरकार उसे करीब चार महीने तक सुरक्षा कानून के तहत जेल में रखने में सफल रही.लखवी की रिहायी को लेकर पाकिस्तान को भारत की ओर से कडी आलोचना ङोलनी पडी. भारत ने पाकिस्तान की आतंकवाद से लडने की प्रतिबद्धता पर सवाल खडा किया है.

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