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रेलवे, कोयला मंत्रालय व झारखंड सरकार ने रेल लाइनों के निर्माण के लिये किया समझौता

रांची: झारखंड सरकार, कोयला मंत्रालय तथा रेलवे ने कोल इंडिया की इकाई सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. के कमांड क्षेत्र में रेलवे लाइन के निर्माण के लिये संयुक्त उद्यम बनाने को लेकर आज सहमति पत्र पर दस्तखत किये.कोयला और बिजली राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और ग्रामीण […]

रांची: झारखंड सरकार, कोयला मंत्रालय तथा रेलवे ने कोल इंडिया की इकाई सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. के कमांड क्षेत्र में रेलवे लाइन के निर्माण के लिये संयुक्त उद्यम बनाने को लेकर आज सहमति पत्र पर दस्तखत किये.कोयला और बिजली राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री सुदर्शन भगत की मौजूदगी में संबंधित पक्षों के अधिकारियों ने सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किये.

एक हजार करोड रुपये की कुल इक्विटी वाली संयुक्त उद्यम कंपनी में कोयला मंत्रलय की हिस्सेदारी 64 प्रतिशत, रेल मंत्रालय की 26 प्रतिशत तथा राज्य सरकार की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. संयुक्त उद्यम इकाई कोल इंडिया की अनुषंगी सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. (सीसीएल) में दो रेल लाइन और 10 ‘रेल साइडिंग’ का निर्माण करेगी.

इस मौके पर कोयला सचिव अनिल स्वरुप, कोल इंडिया के चेयरमैन एस भट्टाचार्य और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.अपने संबोधन में गोयल ने कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित तोरी-शिवपुर रेलवे लाइन (44 किलोमीटर) तथा शिवपुर-कठौतिया रेलवे लाइन (48 किलोमीटर) उन लाइनों में शामिल है जिनका निर्माण परियोजना के तहत किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि रेल 20 करोड टन कोयले की ढुलाई कर सकती है जिससे 40,000 मेगावाट बिजली उत्पादन में मदद मिलेगी, देश के पूरे पूर्वी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति होगी.

गोयल ने कहा कि यह यह सभी को बिजली उपलब्ध कराने की सरकार की नीति के अनुरुप है.

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