वरीय संवाददाता, रांचीगुमला के जिला कल्याण पदाधिकारी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं से संबंधित 7.37 करोड़ का हिसाब सरकार को नहीं सौंपा है. सरकार का मानना है कि इससे विकास कार्यक्रम अवरुद्ध हुआ है. कल्याण पदाधिकारी ने सिर्फ स्कॉलरशिप योजना में ही खर्च की गयी 6.76 करोड़ की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया है. इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति आवासीय विद्यालय, मध्य विद्यालयों की दयनीय स्थिति पर भी मुख्यालय को रिपोर्ट नहीं सौंपी. महालेखाकार कार्यालय की ओर से किये गये निरीक्षण में वित्तीय अनियमितता करने, जान बूझ कर दस्तावेजों को समर्पित नहीं करने जैसी टिप्पणी की गयी है. एजी की आपत्ति के बाद वित्त विभाग की ओर से कल्याण सचिव से सभी पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी गयी है. यह कहा गया है कि जिला कल्याण पदाधिकारी की ओर से 27.66 लाख रुपये का एसी बिल भी जमा नहीं किया गया है. इतना ही नहीं बकाया अग्रिम के 49 लाख रुपये का भी लेखा-जोखा सरकार को नहीं दिया गया है. वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने कहा है कि जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय की ओर से सरकार को चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं के संबंध में दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है. इसमें 2014-15 में 1.76 करोड़ की राशि समायोजित ही नहीं की गयी है. जिला कल्याण पदाधिकारी पर छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं करने का आरोप सिद्ध हुआ है.
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कल्याण पदाधिकारी गुमला ने नहीं दिया 7.37 करोड़ का हिसाब
वरीय संवाददाता, रांचीगुमला के जिला कल्याण पदाधिकारी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं से संबंधित 7.37 करोड़ का हिसाब सरकार को नहीं सौंपा है. सरकार का मानना है कि इससे विकास कार्यक्रम अवरुद्ध हुआ है. कल्याण पदाधिकारी ने सिर्फ स्कॉलरशिप योजना में ही खर्च की गयी 6.76 करोड़ की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया है. […]
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