चंडीगढ: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की एक पीठ ने आज मोगा बस छेडछाड मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. यह वही मामला है, जिसमें कथित तौर पर बस से फेंके जाने के बाद एक किशोरी की मौत हो गई थी.
उच्च न्यायालय ने मोगा कांड के बारे में उसे लिखे गए पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया. इस मामले की पीडिता किशोरी की गुरुवार को मौत हो गई थी. किशोरी और उसकी मां के साथ बस में कथित तौर पर छेडछाड की गई और फिर उन्हें बस से फेंक दिया गया. यह बस ऑर्बिट एविएशन की थी जिसके मालिक मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के रिश्तेदार हैं.
आज जब यह मामला न्यायाधीश सतीश कुमार मित्तल और हरिंदर सिंह सिद्धू की खंड पीठ के सामने आया तो पीठ ने इस मामले से हाथ खींचते हुए इसे किसी अन्य पीठ को सौंपे जाने के लिए मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया.मामले की सुनवाई से हटने का कोई कारण नहीं बताया गया. अब उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश यह फैसला करेंगे कि इस मामले की सुनवाई कौन सी पीठ करेगी.यह मामला कल सुनवाई के लिए आ सकता है.
तीन दिन के गतिरोध के बाद पीडित लडकी का अंतिम संस्कार कल कर दिया गया. बस मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की मांग पूरी होने से पहले परिजन लडकी के अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं थे.