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58 हजार किसानों की फसल बरबाद

बक्सर : जिले में आयी आंधी-तूफान व ओला वृष्टि से खेतों में लगी करीब आधी फसल बरबाद हुई है और कुल 58 हजार 492 किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हुई है. फसल क्षति पूर्ति के लिए जिले को कुल 15 करोड़ 76 लाख रुपये की पहली किस्त मिल गयी है, जिसका भुगतान पीड़ित किसानों को मंगलवार […]

बक्सर : जिले में आयी आंधी-तूफान व ओला वृष्टि से खेतों में लगी करीब आधी फसल बरबाद हुई है और कुल 58 हजार 492 किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हुई है. फसल क्षति पूर्ति के लिए जिले को कुल 15 करोड़ 76 लाख रुपये की पहली किस्त मिल गयी है, जिसका भुगतान पीड़ित किसानों को मंगलवार से शुरू कर दिया जायेगा. किसानों को प्रखंडवार राशि भी आवंटित कर दी गयी है और सभी अधिकारियों को सोमवार को राशि की निकासी कर लेने का निर्देश दिया गया है.

जिलाधिकारी रमण कुमार ने रविवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी दी कि एक लाख पांच हजार हेक्टेयर में गेहूं, दलहन तथा अन्य फसलें लगायी गयी थीं, जिसमें से 54 हजार 96 हेक्टेयर में लगी फसल बरबाद हुई है. किसानों ने क्षतिपूर्ति के लिए, जो आवेदन दिया है, उसका निबटारा युद्ध स्तर पर व शिविर लगा कर किया जा रहा है. साथ ही खेतों का सर्वेक्षण और भौतिक सत्यापन भी कराया गया है, जिसके आधार पर क्षतिपूर्ति की राशि दी जायेगी.

सलाहकार समिति आवेदन को सत्यापित करेगा : पीड़ित किसानों के खाते में राशि आरटीजीएस की जायेगी. किसान सलाहकार समिति किसानों के आवेदन को सत्यापित करेगा और फिर प्रखंड कृषि पदाधिकारी जांच-पड़ताल कर अंचल कार्यालय में आवेदन अग्रसारित करेंगे. इसके बाद राशि किसानों को दी जायेगी. 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिवाले सभी किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि दी जायेगी. असिंचित जमीनवाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 68 सौ रुपये दिये जायेंगे और सिंचित जमीनवाले किसानों को 13 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर दिये जायेंगे. अधिकतम राशि दो हेक्टेयर के लिए दी जायेगी. छोटे और लघु किसानों के लिए कम-से-कम एक हजार रुपये की राशि देय होगी.
गड़बड़ी को रोकने के लिए बनाये गये हैं चेक प्वाइंट : आपदा वितरण में गड़बड़ी न हो इसके लिए कई चेक प्वाइंट बनाये गये हैं. प्रशासन की कोशिश है कि कोई पीड़ित किसान छूटे नहीं और फर्जी किसान जुड़े नहीं. अनुश्रवण समिति से आवेदनों का पास होना जरूरी है, जिसमें मुखिया, सरपंच, जनप्रतिनिधि, हारे हुए मुखिया समेत प्रतिष्ठित व्यक्तियों के अनुशंसा का ध्यान रखा जायेगा. आपदा निगरानी समिति के पुराने निर्देशों को फिलहाल विलोपित किया गया है, जो भी किसान चाहे वे बटाईदार हों उन्हें भी क्षतिपूर्ति राशि दी जायेगी, लेकिन जमीन मालिक और बटाईदार के बीच में सहमति पत्र प्रशासन को देना होगा. साथ ही जिन किसानों की गलत अनुशंसा की जायेगी, वैसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी तथा एफआइआर तक दर्ज किये जायेंगे.
इन कागजात को दिखाना होगा : आवेदन के साथ किसान को लगान की रसीद, बैंक के पासबुक की फोटो कॉपी, जमा बंदी के साथ वंशावलि की कॉपी, किसान सलाहकार समिति की अनुशंसा समेत अन्य औपचारिकता पूरी करनी होगी. प्रखंडों में बीडीओ-सीओ कैंप लगा कर काम करेंगे तथा जिला स्तर पर डीएम, एसडीओ, डीएसओ काम करेंगे. पहली किस्त 15 करोड़ 76 लाख रुपये मिल चुकी है. जबकि अनुमानित क्षतिपूर्ति राशि 78 करोड़ 26 लाख रुपये जिले के लिए है. विस्तृत सर्वेक्षण का काम चल रहा है.

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