नयी दिल्ली : भारत का विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घरेलू ऑर्डर में नरमी के कारण धीमी रही. यह बात आज एचएसबीसी के सर्वेक्षण में कही गई. विनिर्माण क्षेत्र में नरमी के मद्देनजर आने वाले दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में कटौती की उम्मीद बढी है.
मार्च महीने में जोरदार तेजी के बाद समीक्षाधीन अवधि में विनिर्माण में संकुचन हुआ जिससे कुछ कर्मचारियों की छंटनी हुई और कंपनियों ने नियुक्ति के संबंध में लागत के प्रति सतर्क रवैया अपनाया.
मार्किट द्वारा संकलित प्रमुख एचएसबीसी इंडिया खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अप्रैल में 51.3 पर रहा जो मार्च में दर्ज 52.1 प्रतिशत से कम है. इससे विभिन्न उद्योगों में परिचालन स्थितियों में कमतर सुधार का संकेत मिलता है.
पीएमआई एक मिश्रित सूचकांक है जिसे विनिर्माण कारोबार की गतिविधियों के आकलन के लिए तैयार किया गया है. सूचकांक का 50 से उपर रहना तेजी और जबकि इसे कम करना संकुचन का संकेतक है.
मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा विस्तार में नरमी के बावजूद भारतीय विनिर्माण क्षेत्र मजबूत रहा जिसे परिचालन परिस्थितियों में सुधार से मदद मिली.
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