विभिन्न चरणों में गांव का चयन कर वहां बिजली पहुंचायी जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरी बार पद भार संभालने के बाद समीक्षा बैठक में वैसे सारे गांव में बिजली पहुंचाने का टास्क अधिकारियों को दिया गया, जहां बिजली नहीं है. वह प्रत्येक सप्ताह समीक्षा बैठक कर बिजली कंपनी के अधिकारी काम की प्रगति की जानकारी ले रहे हैं. जिन एजेंसियों को काम सौंपा गया है, उसे अल्टीमेटम दिया गया है कि समय पर काम पूरा नहीं होने से कार्रवाई की जायेगी. राज्य के 36 जिलों में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत काम हो रहा है.
योजना के तहत 11 वीं व 12 वीं योजना से नॉर्थ बिहार के 21 व साउथ बिहार के 15 जिले में अभियान चला कर बिजली पहुंचाने का काम हो रहा है. राज्य के बचे 5571 ऐसे गांव हैं, जहां आज तक बिजली नहीं गयी है. 11वीं योजना के तहत नॉर्थ बिहार के अररिया, किशनगंज, पूर्णिया व सीवान जिले के 384 गांवों व साउथ बिहार के पटना, नालंदा, भोजपुर, गया, नवादा, रोहतास व बांका जिले के 765 गांवों में बिजली पहुंचाना है. 12वीं योजना के तहत साउथ बिहार के औरंगाबाद, भागलपुर, बक्सर, जुमई, कैमूर, मुंगेर, लखीसराय व जहानाबाद जिले के 445 गांव व नार्थ बिहार के बेगूसराय, दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, मधेपुरा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल व वैशाली जिले के 4361 गांव में बिजली पहुंचाने के लिए जोर-शोर से काम हो रहा है.
संभावना व्यक्त की जा रही है कि अधिकांश गांव में बिजली पहुंचा दी जायेगी.