लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि ‘समाजवादी’ शब्द संविधान की प्रस्तावना में शामिल है और इसीलिये उनकी सरकार की कई योजनाओं का नाम इसी लफ्ज पर रखा गया है.मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘समाजवादी आवास योजना’ की शुरआत करते हुए कहा कि इस योजना का नाम रखने के पीछे मंशा यह है कि एक तो समाजवादी नाम सबसे आसान लगता है और दूसरा यह कि यह शब्द संविधान की प्रस्तावना में शामिल है.
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अखिलेश ने कहा, संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी शब्द कोई हटा नहीं सकता
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि ‘समाजवादी’ शब्द संविधान की प्रस्तावना में शामिल है और इसीलिये उनकी सरकार की कई योजनाओं का नाम इसी लफ्ज पर रखा गया है.मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘समाजवादी आवास योजना’ की शुरआत करते हुए कहा कि इस योजना का नाम रखने के पीछे […]
उन्होंने ‘समाजवादी एम्बुलेंस सेवा’ और उसके नाम को लेकर पूर्व में उठे विवाद का परोक्ष रुप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘एक बार एम्बुलेंस सेवा का नाम तय करने की बात आयी तो बहस छिड गयी. उस समय हमने इसका नाम समाजवादी एम्बुलेंस सेवा रखने का फैसला लिया. केंद्रीय मंत्रिमण्डल में भी बहुत बहस हुई कि आखिर इस नाम को कैसे हटाया जाए, लेकिन वे नाकाम रहे.’’ अखिलेश ने कहा, ‘‘उस वक्त केंद्र में दूसरों की सरकार थी. योजना में कुछ अंश उनका भी होता था लेकिन वे उसके नाम से समाजवादी शब्द इसलिये नहीं हटा सके, क्योंकि यह शब्द हमारे संविधान में है.
उसकी प्रस्तावना में है. इसे कोई नहीं हटा सकता.’’ समाजवादी आवास योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा समाजवाद सम्पन्नता का पक्षधर है. लोग जीवन भर प्रयास करते हैं कि उनका घर बन जाए. इस योजना से आवास उपलब्ध होने पर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग कम से कम एक दर्जा उपर पहुंच जाएंगे. इस योजना के तहत बनने वाले मकान भूकम्प रोधी होंगे.
मुख्यमंत्री ने योजना के तहत घर बनाने जा रहे निर्माणकर्ताओं से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘हम साल-डेढ साल में देखना चाहेंगे कि हमने जो सपना देखा वह साकार हो रहा है. यह सरकार का सपना है. मैं कह सकता हूं कि जिस समय घर मिलना शुरु होगा, तब सपा का सपना पूरा होगा.’’
मुख्यमंत्री ने आवास विभाग के अधिकारियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि अफसरों ने ऐसी नीति बनायी है जिससे गरीबों को घर उपलब्ध हो जाएगा. इससे तमाम गरीबों का घर का सपना पूरा होगा.उन्होंने कहा, ‘‘वैसे तो आवास की बहुत सी योजनाएं हैं. कई बार जो योजनाएं लागू हुईं उनसे घर नहीं बन पाये. ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजना 10-20 साल से चल रही हैं, लेकिन उनसे घर नहीं मिला. इसलिये सरकार बनने के बाद हमने तय किया कि गरीब को उतना पैसा दो कि उसका घर बन जाए.
हमने लोहिया आवास योजना के तहत मदद के तौर पर एक लाख 75 हजार रुपये देना शुरु किया था और अब हम तीन लाख पांच हजार रुपये दे रहे हैं.’’ बिल्डरों के सहयोग और अनुभव का लाभ मिलने की उम्मीद जताते हुए अखिलेश ने अधिकारियों से अपेक्षा की और कहा, ‘‘जहां तक सरकार की तरफ से मदद की बात है तो हमारे जितने भी अधिकारी हैं, वे कोशिश करेंगे कि कहीं भी बिल्डर को परेशानी न हो.
सिंगल विंडो क्लियरेंस होगा तो काम अच्छी तरह से होगा.’’ बेमौसम बारिश से बदहाल किसानों की मदद में केंद्र पर असहयोग का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जहां तक किसानों का सवाल है, कोई कितनी बहस करे, लेकिन केंद्र से अभी तक जो धन राज्य सरकार को मिलना चाहिये था, वह नहीं मिला.
राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से पीडित किसानों को जितना पैसा दिया, उतना पहले कभी नहीं दिया गया.’’ अपनी सरकार द्वारा बनवाये गये पार्को का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बनाये पार्को में वे लोग भी ऑक्सीजन लेने जाते हैं, जो इन्हीं पार्को को बनवाने पर हमारा विरोध कर रहे थे. जब भूकम्प आया तो वे बचने के लिये हमारे लोहिया पार्क में ही आये. अच्छा हुआ वे (बसपा सरकार द्वारा बनवाये गये) स्मारकों में नहीं गये.’’
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