बैकुंठपुर. प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जीवन रक्षक दवाओं का अभाव मरीजों की परेशानी का सबब बन गया है. ढाई लाख की आबादी वाले इस प्रखंड में कुत्ता, सियार, बंदर, बिल्ली आदि जानवरों के काटे जख्मी मरीज एक माह से दवा की अनुपलब्धता के कारण अस्पताल का चक्कर लगा रहे हंै. खुले बाजार में इस दवा की कीमत दो हजार तक है. ऐसी स्थिति में बाहर से दवा खरीद पाना गरीब मरीजों के बूते की बाहर की बात है. इस पीएचसी में अन्य जिलों के मरीजों के आने से एंटी रैबीज इंजेक्शन का हमेशा अभाव रहता है. दवा के लिए कई बार पीएचसी में मरीज हंगामा-प्र्रदर्शन भी कर चुके हैं. इस संबंध में पीएचसी प्रभारी डॉ संजय कुमार ने बताया की एंटी रैबीज जिला मुख्यालय में भी उपलब्ध नहीं है.
बैकंुठपुर में जीवन रक्षक दवा का अभाव
बैकुंठपुर. प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जीवन रक्षक दवाओं का अभाव मरीजों की परेशानी का सबब बन गया है. ढाई लाख की आबादी वाले इस प्रखंड में कुत्ता, सियार, बंदर, बिल्ली आदि जानवरों के काटे जख्मी मरीज एक माह से दवा की अनुपलब्धता के कारण अस्पताल का चक्कर लगा रहे हंै. खुले बाजार में […]
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