जिनके बलबूते प्रत्येक दिन सभी वार्ड के मुहल्लों के नालों की साफ -सफाई व कूड़ा-कचरा का उठाव सही तरीके से नहीं हो पाता है. डॉ एसएन झा कहते हैं कि लाखों खर्च के बाद भी नगर परिषद द्वारा साफ -सफाई पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जाता है. हल्की सी बारिश होने पर भी कई मुहल्लों में नाले का गंदा पानी निकलकर सड़कों पर चला आता है और लोग मजबूरन उसी गंदे पानी में प्रवेश कर एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं. लेकिन नगर परिषद के लोगों को न जाने क्यों यह बदहाल व्यवस्था दिखाई नहीं देती है.
पांच टीपर व 24 कर्मी के भरोसे है 30 वार्ड की सफाई
जमुई: नगर के साफ-सफाई के प्रति नगर परिषद की सुस्त कार्यशैली की वजह से लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों की मानें तो नगर परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष शहर के अधिकांश लोगों से होल्डिंग टैक्स लिया जाता है. लेकिन व्यवस्था के नाम पर सब कुछ नदारद है. नगर परिषद में 30 वार्ड […]
जमुई: नगर के साफ-सफाई के प्रति नगर परिषद की सुस्त कार्यशैली की वजह से लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों की मानें तो नगर परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष शहर के अधिकांश लोगों से होल्डिंग टैक्स लिया जाता है. लेकिन व्यवस्था के नाम पर सब कुछ नदारद है. नगर परिषद में 30 वार्ड के सफाई को लेकर संसाधन के नाम पर मात्र पांच ऑटो टीपर, दो ट्रैक्टर और चौबीस सफाई कर्मी उपलब्ध हैं.
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