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बरियारपुर रेलवे ओवर ब्रिज के लिए अभी और करना होगा इंतजार, 30 डिसमिल जमीन पर लटका मामला

मुंगेर: बरियारपुर रेलवे ओवर ब्रिज का मामला एक बार फिर अधर में लटक गया है. क्योंकि सरकार गैर मजरूआ आम जमीन बता कर उस पर बसे लोगों से बिना मुआवजा दिये ही जमीन अधिग्रहण करना चाह रही है. इस जमीन पर बसे लोग हाई कोर्ट के निर्देश के बाद मुआवजे की राशि का इंतजार कर […]

मुंगेर: बरियारपुर रेलवे ओवर ब्रिज का मामला एक बार फिर अधर में लटक गया है. क्योंकि सरकार गैर मजरूआ आम जमीन बता कर उस पर बसे लोगों से बिना मुआवजा दिये ही जमीन अधिग्रहण करना चाह रही है. इस जमीन पर बसे लोग हाई कोर्ट के निर्देश के बाद मुआवजे की राशि का इंतजार कर रहे हैं.
वर्ष 2006 में हुआ था कार्यारंभ. बरियारपुर रेलवे स्टेशन क्रॉसिंग पर लगातार यातायात व्यवस्था प्रभावित रहने के कारण यहां रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया था. जिसके तहत 18 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में प्रारंभ हुआ. लेकिन समय पर भूमि अधिग्रहण नहीं किये जाने से मामला अधर में लटक गया.
30 डिसमिल जमीन के लिए अटकी योजना. रेलवे ओवर ब्रिज के लिए जिला प्रशासन द्वारा 30 डिसमिल जमीन अधिग्रहण कर दिया जाना था. लेकिन गैर मजरूआ आम जमीन बता कर जिला प्रशासन ने मुआवजा देने से मना कर दिया. इस जमीन पर लगभग दो दर्जन परिवार मकान बनाकर रह रहे हैं. जिन्हें विस्थापन पर मुआवजा चाहिए.
कोर्ट ने क्या दिया आदेश. जिला प्रशासन के रवैये से खिन्न प्रभावित परिवारों ने उच्च न्यायालय का शरण लिया. बताया जाता है कि उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया था कि गैर मजरूआ आम जमीन पर रहने वाले लोग लंबे समय से बसे हुए हैं. इसलिए उचित मुआवजा देकर ही उसका अधिग्रहण किया जाय. अथवा सक्षम न्यायालय में उस जमीन पर बसे लोगों के जमाबंदी को तोड़ने के लिए जाय.
अधूरे पड़े ब्रिज से ठप हुआ विकास. रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिससे खड़गपुर-बरियापुर मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया. मार्ग अवरुद्ध रहने से इस क्षेत्र के विकास के साथ ही मुंगेर मुख्यालय का विकास भी प्रभावित है. बड़े वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप है. अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो रही है.
कहते हैं पीड़ित. भूमि अधिग्रहण में फंसे चंद्रशेखर कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेश को नहीं मान रही है. यहां 40 से 42 परिवार वर्तमान में बसे हुए हैं. 20 वर्ष से अधिक इस जमीन पर रहने से वे असली मालिक हो जाते हैं. जबकि उन लोगों के दादा-परदादा ही यहां बसे हुए हैं.
कहते हैं जिलाधिकारी. जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि बरियारपुर रेलवे ओवरब्रिज के भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है. भूमि अधिग्रहण के मुआवजा के लिए सरकार से आवंटन की मांग की गयी है. राशि मिलते ही भूमि अधिग्रहण का कार्य किया जायेगा.

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