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सिर्फ निरीक्षण करती हैं,नहीं होती कार्रवाई
रांची : रांची नगर निगम द्वारा राजधानी के विभिन्न गली-मोहल्लों में 15 करोड़ से अधिक की राशि से सड़क व नाली आदि का निर्माण किया जा रहा है. हाल के दिनों में कई निर्माण कार्य का रांची की मेयर आशा लकड़ा ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई गड़बड़ियां भी पकड़ी गयीं. जांच के दौरान […]
रांची : रांची नगर निगम द्वारा राजधानी के विभिन्न गली-मोहल्लों में 15 करोड़ से अधिक की राशि से सड़क व नाली आदि का निर्माण किया जा रहा है. हाल के दिनों में कई निर्माण कार्य का रांची की मेयर आशा लकड़ा ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई गड़बड़ियां भी पकड़ी गयीं.
जांच के दौरान मेयर दोषियों पर कार्रवाई का आदेश देती हैं, उन्हें फटकार लगाती हैं, पर आश्चर्यजनक ढंग से बाद में इन मामलों में कई कार्रवाई नहीं होती है. कार्रवाई नहीं होने से इस तरह के निरीक्षण पर अब सवाल उठ रहे हैं. जब ऑन स्पॉटगलती सामने आती है, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं होती.
कहा था सस्पेंड करेंगे, हुआ कुछ नहीं
मेयर आशा लकड़ा ने 20 जनवरी को शहर के जयपाल सिंह स्टेडियम में बन रही नाली, चटर्जी बंगला चर्च रोड में बन रही सड़क, फ्रेंड्स कॉलोनी में बन रही नाली व सड़क और हटिया कल्याणपुर में बन रही नाली के निर्माण कार्य का जायजा लिया था.
जयपाल सिंह स्टेडियम के सामने बन रही नाली को कागज में 80 प्रतिशत पूरा दिखाया गया है, जबकि नाली का निर्माण 50 प्रतिशत भी नहीं हुआ है.
चटर्जी बंगला रोड में जहां नाली निर्माण कार्य कागज में 40 प्रतिशत पूरा दिखाया गया था, उसका निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हुआ था. फ्रेंड्स कॉलोनी में बन रही नाली की स्थिति ऐसी थी कि एक तरफ काम चल रहा था, दूसरी ओर से नाली टूट रही थी. हटिया कल्याणपुर में नाली तो बन गया थी, परंतु 15 दिन बाद ही उसकी स्थिति बदतर हो गयी थी.
जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर मेयर ने तत्कालीन प्रभारी सीइओ ओमप्रकाश को पत्र लिख कर निगम के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व दो जेई को कारण बताओ नोटिस जारी कर सस्पेंड करने का आदेश दिया था. खराब निर्माण के लिए ठेकेदारों पर भी कार्रवाई का निर्देश दिया था, परंतु न तो अभियंता सस्पेंड हुए और न ही ठेकेदारों पर कार्रवाई हुई.
सिर्फ जुबान ही चली
मेयर ने 21 अप्रैल को हटिया के लटमा में बन रही सड़क का जायजा लिया. यहां सड़क का घटिया निर्माण देख कर मेयर ने अभियंताओं को फटकारा था. मेयर ने सड़क खोद कर दोबारा बनाने को कहा. ठेकेदार को भी ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश दिया. मेयर यहां से निकल कर कांके रोड स्थित लेक एवेन्यू पहुंची. यहां भी उन्होंने सड़क निर्माण कार्य का पेमेंट रोकने का आदेश दिया. आज जांच कार्य के 10 दिन होने को हैं, न तो खराब सड़क के स्थान पर नयी सड़क का निर्माण हुआ और न ही किसी ठेकेदार पर कार्रवाई हुई.
क्या है मेयर का अधिकार
रांची नगर निगम में कहने को मेयर का पद सबसे ऊंचा है, परंतु निगम के किसी भी कर्मचारी, अभियंता या अधिकारी को दंडित करने का अधिकार मेयर को नहीं है. मेयर किसी पर कार्रवाई के लिए सरकार व नगर आयुक्त को अनुशंसा कर सकती है. अब सरकार या आयुक्त के ऊपर यह निर्भर करता है कि वह मेयर के आदेश को मानें या उस पर कोई कार्रवाई नहीं करें.
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