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801 छात्र पर सिर्फ दो शिक्षक

परियोजना बालिका उवि में शिक्षकों की कमी, कई विषयों के शिक्षक नहीं हंटरगंज : प्रखंड स्थित परियोजना बालिका उवि में शिक्षकों की कमी हो गयी है. शिक्षकों के अभाव में यहां सही से पठन-पाठन नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि यहां विषयवार पढ़ाई नहीं हो पा रही है. छात्राओं को टय़ूशन का […]

परियोजना बालिका उवि में शिक्षकों की कमी, कई विषयों के शिक्षक नहीं
हंटरगंज : प्रखंड स्थित परियोजना बालिका उवि में शिक्षकों की कमी हो गयी है. शिक्षकों के अभाव में यहां सही से पठन-पाठन नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि यहां विषयवार पढ़ाई नहीं हो पा रही है. छात्राओं को टय़ूशन का सहारा लेना पड़ रहा है. छात्राएं स्कूल आती हैं और समय काट कर चली जाती हैं. स्कूल में शिक्षकों के नौ पद सृजित हैं. वर्तमान में प्रधानाध्यापिका समेत दो शिक्षक ही पदस्थापित हैं. इन दो शिक्षकों के ऊपर 801 छात्राओं को पढ़ाने का जिम्मा है.
विद्यालय की स्थापना 1990 में हुई थी़ विद्यालय में नामांकित छात्राओं की संख्या 801 है. प्रखंड के विभिन्न गांवों से हर रोज लगभग 600 छात्राएं क्लास करने आती हैं. प्रधानाध्यापिका उषा देवी जीव विज्ञान व शिक्षक बसंत कुमार माथुरी छात्राओं को अंगरेजी पढ़ाते हैं. अन्य विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. लगभग तीन साल से विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. यही वजह है कि मैट्रिक परीक्षा में स्कूल का रिजल्ट बहुत अच्छा नहीं रहता है. पिछली बार मैट्रिक परीक्षा में 76} छात्राएं ही पास हुई थी.
कहां-कहां से आती हैं बच्चियां
उक्त विद्यालय में प्रखंड के केदली, डाटम, डटमी, कोबना, उरैली, हरहद, बहेरी, गोरवाली मदरसा आदि गांवों की बच्चियां पढ़ने आती हैं.
भवन का भी अभाव
2008 में जिला परिषद की ओर से स्कूल भवन का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन तत्कालीन सहायक अभियंता ललन चौधरी के जेल चले जाने के कारण भवन का निर्माण कार्य भी अधूरा रह गया. वर्तमान में पांच कमरे में स्कूल चल रहा है.
शिक्षकों की कमी पूरे जिले में है़ सरकार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर रही है़ शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई बाधित हो रही है़ अपने स्तर से जो संभव है, कर रही हूं. शिक्षकों की कमी से संबंधित पत्र कई बार सरकार को भेजा गया है. शिक्षकों नियुक्ति करना सरकार की जिम्मेवारी है़ मुक्ति रानी सिंह, डीइओ
शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालय संचालन में काफी दिक्कत होती है़ कार्यालय के कार्यो में अधिकांश समय बीत जाते हैं. समय मिलता है, तो क्लास लेती हूं शिक्षकों की कमी से संबंधित जानकारी डीइओ को दी गयी है. उनसे शिक्षक की भी मांग की गयी है़
उषा देवी, प्रधानाध्यापिका
इन विषयों के शिक्षक नहीं
स्कूल में रसायन, भौतिकी, गणित, संस्कृति, हिंदी, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, इतिहास, भूगोल आदि विषय के शिक्षक नहीं हैं.
क्या कहती हैं छात्राएं
10वीं की छात्र सोनी कुमारी ने बताया कि विद्यालय में शिक्षक के अभाव में सही से पढ़ाई नहीं हो पाती है.इससे काफी दिक्कत होती है़ विषयवार पढ़ाई नहीं हो पाती है़ विद्यालय में बैठ कर समय बिताना पड़ता है़ प्रियंका कुमारी ने कहा कि शिक्षक के अभाव में सही से पढ़ाई नहीं हो पाती है. टय़ूशन पढ़ कर मैट्रिक की तैयारी कर रही हूं.

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