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पांच दर्जन से ज्यादा पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक तथा मिलर पर हुई है गबन की प्राथमिकी
छपरा (सदर) : धान अधिप्राप्ति मद तथा धान से चावल बनाने के मद में करोड़ों रुपये वर्षो से लेकर वापस नहीं करने वाले पांच दर्जन से ज्यादा पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक तथा मिलर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कानूनी कार्रवाई को ले आशंकित हैं. कुछ तो अपनी बकाया राशि पूर्णत: या अंशत: दे चुके हैं, तो […]
छपरा (सदर) : धान अधिप्राप्ति मद तथा धान से चावल बनाने के मद में करोड़ों रुपये वर्षो से लेकर वापस नहीं करने वाले पांच दर्जन से ज्यादा पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक तथा मिलर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कानूनी कार्रवाई को ले आशंकित हैं.
कुछ तो अपनी बकाया राशि पूर्णत: या अंशत: दे चुके हैं, तो कई चुकाने के लिए सहकारिता विभाग, राज्य खाद्य निगम तथा एसके को-ऑपरेटिव बैंक के पदाधिकारियों से संपर्क कर अपनी गरदन कानूनी प्रक्रिया से बचाने के लिए प्रयासरत हैं.
मोथहा नरहरपुर पैक्स अध्यक्ष ने पूर्णत: तो गोबरही में अंशत: जमा की राशि : स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक द्वारा 40 पैक्स अध्यक्षों तथा राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक द्वारा 12 मिलरों के विरुद्ध कम-से-कम 10 करोड़ के वर्षो से धान अधिप्राप्ति या मिलिंग के लिए धान लेने के बाद चावल नहीं चुकाने वालों पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद खलबली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन लाख 30 हजार 198 रुपये बकाया रखने वाले मोथहा नहरपुर पैक्स के अध्यक्ष सुदामा राय तथा शत्रुघA राय ने सभी बकाया राशि मंगलवार को स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक की छपरा शाखा में जमा कर दिया, तो मांझी प्रखंड के गोबरही पैक्स के अध्यक्ष राजनारायण सिंह तथा प्रबंधक सुनील कुमार सिंह ने दो लाख रुपये तत्काल जमा कर दिये. उनके यहां 10 लाख 50 हजार 978 रुपये बकाया है.
उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई है. वहीं, दर्जन भर पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक व मिलर अपनी-अपनी बकाया राशि जमा करने के लिए प्रयासरत है. उधर, विभागीय पदाधिकारी करोड़ों रुपये बकाया रखनेवाले इन पैक्स अध्यक्षों व मिलरों से राशि वसूलने की प्रक्रिया के तहत विभाग से विधिवत शपथ पत्र के साथ ही किस्त में भुगतान की छूट देने की मुद्रा में है. इसके लिए वे विभाग से मार्गदर्शन मांग रहे हैं.
कई पैक्स अध्यक्षों के परिजनों में आपसी विवाद : लाखों की बकाया राशि रखने के बाद नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आस-पास के लोगों के बीच चर्चा के बाद परिवार के सदस्यों के बीच राशि भुगतान को लेकर आपसी विवाद शुरू है. वहीं, परिवार के सदस्य इस स्थिति के लिए एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं. पैक्स अध्यक्षों के यहां दो करोड़ 93 लाख रुपये तथा मिलरों के यहां आठ करोड़ रुपये बकाये के संबंध में प्राथमिकी दर्ज हुई है.
यदि बकाया रखनेवाली पैक्स के अध्यक्ष व प्रबंधक अपने बकाया का भुगतान कर देते हैं, तो उन्हें नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिया जायेगा. कई पैक्स अध्यक्षों द्वारा किस्त में बकाया राशि भुगतान करने की गुहार लगायी जा रही है. इस संबंध में विभागीय निर्देश के आलोक में कार्रवाई होगी.
रामानुज कुमार
प्रबंधक स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक, छपरा शाखा
राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में भूकंप तथा आंधी तूफान में क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वेक्षण करने के लिए अभियंताओं की टीम घर-घर जायेगी. इसके लिए टीम का गठन किया जा रहा है. जो मकान रहने लायक नहीं है, उसे परित्यक्त घोषित किया जायेगा. इस पहल की सराहना हर कोई कर रहा है. वास्तव में दो दिनों के भूकंप के झटकों व मंगलवार को आये आंधी-तूफान ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है.
छपरा (सारण) : भूकंप व आंधी तूफान से हुई क्षति का आकलन करने की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी है. राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में डीएम दीपक आनंद ने अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. खास कर फसलों तथा भवनों को हुई क्षति का सही ढंग से आकलन कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
दो दिनों तक लगातार भूकंप का झटका खाने के बाद तीसरे दिन आयी भीषण आंधी व तूफान ने आम लोगों को झकझोर कर रख दिया है. सबसे अधिक क्षति फसलों को हुई है, जिससे किसानों को काफी आर्थिक क्षति पहुंची है. आंधी-तूफान ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. वहीं, दूसरी ओर डीएम ने गांव-देहात से लेकर शहर तक के मकानों की ग्रेडिंग कराने का निर्देश सभी अभियंताओं को दिया है.
फसलों के नुकसान का फिर होगा सर्वे : राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा पहले ही फसलों को हुई क्षति का सर्वेक्षण कराया जा चुका है. बेमौसम बरसात के कारण जिले में करीब 40 प्रतिशत फसलों को क्षति पहुंचने की रिपोर्ट है. नये सिरे से सर्वेक्षण कराये जाने पर क्षति का दायरा बढ़ने की आशंका है. मंगलवार को आये आंधी-तूफान से गेहूं के अलावा दलहनी फसलों व आम को काफी क्षति पहुंची है. खास कर खेत व खलिहान में अब तक कटनी, दौनी नहीं करनेवाले किसानों को गेहूं की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है.
मौसम खराब रहने के कारण पहले कटनी नहीं हो सकी और जिन किसानों ने फसल की कटनी करा ली है, दौनी नहीं करा सके. इसी बीच आये आंधी-तूफान ने खेत में लगे और खलिहान में रखी गयी फसल नष्ट हो गयी है.
घर-घर जायेंगे अभियंता : जिला पदाधिकारी ने गांव-देहात से लेकर शहर तक के मकानों की ग्रेडिंग कराने का निर्देश सभी अभियंताओं को दिया है. इसके लिए अभियंताओं को घर-घर जाने का निर्देश दिया गया है. प्रशासन द्वारा भवनों की ग्रेडिंग कराने के बाद उसमें से नहीं रहने लायक भवनों के मालिकों को उचित दिशा-निर्देश दिया जायेगा.
अभियंताओं द्वारा भवनों का सर्वेक्षण करने के साथ-साथ उसी समय उस पर मार्किग भी की जायेगी. ऐसा अनुमान है कि जिले में भूकंप व आंधी तूफान के कारण कम-से-कम ढाई-तीन हजार भवनों को क्षति पहुंची है. पूरी तरह क्षतिग्रस्त भवनों की संख्या पांच सौ होने का अनुमान है. सबसे अधिक झुग्गी-झोंपड़ीवाली बस्तियों को क्षति पहुंची है. आंधी-तूफान में काफी संख्या में झुग्गी-झोंपड़ी क्षतिग्रस्त हुए है.
फसलों का मुआवजा सर्वे के बाद : किसानों के गेहूं की फसल को हुई क्षति का सर्वे कराने के बाद मुआवजे का भुगतान शुरू होगा. हालांकि दलहनी फसल और आम को हुई क्षति का मुआवजा देने संबंधी सरकार से कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं मिला है.
क्या कहते हैं अधिकारी
भूकंप व आंधी-तूफान से मकानों की हुई क्षति का आकलन कराने की तैयारी चल रही है. आपदा की स्थिति में मौत को कम करने के लिए मकानों की ग्रेडिंग करायी जायेगी.
राजेंद्र मंडल
प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग, सारण
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