मुजफ्फरपुर: नगर निगम बारिश से पहले शहर के गली-मोहल्लों व मुख्य सड़कों पर नाले की उड़ाही के लिए एक सौ सफाई कर्मियों की बहाली संविदा पर करेगा. इनमें से दो-दो मजदूर हर वार्ड को दिये जायेंगे. छह वार्ड के 12 मजदूर का एक गैंग बना अंचल स्तर पर नाले की उड़ाही की जायेगी. पूरी प्रक्रिया को एक सप्ताह के अंदर पूरा कर लेना है.
यह फैसला मंगलवार को मेयर वर्षा सिंह की अध्यक्षता में हुई नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति (स्टैंडिंग बोर्ड) की विशेष बैठक में लिया गया है. इसके अलावा फरदो नाला की उड़ाही कराने एवं सुपर सकर मशीन को किराये पर लेने के प्रस्ताव को भी बोर्ड से मंजूरी मिल गयी है.
इसके लिए नगर आयुक्त को जल्द से जल्द टेंडर निकाल काम शुरू कराने को कहा गया है. बोर्ड के सदस्यों ने शहर के साफ-सफाई व कूड़ा उठाव के मुद्दा को उठाया. कहा, बार-बार आदेश देने के बाद भी शहर के व्यस्ततम इलाके से समय से कूड़ा का उठाव नहीं हो रहा है. इसके कारण दोपहर तक शहर गंदा दिखता है. वहीं लगातार ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है. इस पर महापौर ने नगर आयुक्त से बात कर समस्या का हल निकालने की बात कही. बैठक में पार्षद राजा विनीत, मो अब्दुल्लाह, रामनाथ प्रसाद, विजय झा, कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार मिश्र आदि शामिल थे.
अब मेयर की मंजूरी बगैर ठेकेदारों को भुगतान नहीं
कमीशनखोरी व कई तरह की समस्याओं को देखते हुए नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने ठेकेदारों के भुगतान समेत प्रशासनिक संचिका को मेयर के पास भेजने पर रोक लगा दी थी. स्टैंडिंग बोर्ड ने नगर आयुक्त के फैसले को पलट दिया है. बोर्ड ने नगरपालिका एक्ट की धारा 28 के तहत संचिका भेजने पर लगी रोक को हटा दिया है. इसके बाद अब नगर आयुक्त को नीतिगत ही नहीं, हर तरह की संचिका मेयर के पास भेजना होगा. निगम में सड़क व नाला क्या किसी भी तरह का विकास कार्य को पूरा करने के बाद ठेकेदारों को मेयर के यहां सुबह-शाम जाकर हाजिरी बनानी होगी. इसके बाद ही उनका भुगतान हो सकता है.