इंदौर : भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल से सही.सलामत मध्यप्रदेश लौटने वाले सैलानियों के 15 सदस्यीय दल के लिए हिमालय की गोद में बसे इस पडोसी मुल्क की यात्रा किसी बुरे सपने की तरह थी. इन सैलानियों ने अपने घर लौटकर राहत की सांस ली है. लेकिन भूकंप का भयावह मंजर भुलाना उनके लिएकाफी मुश्किल साबित हो रहा है.
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नेपाल से वापस लौटे पर्यटकों ने बयां किया दर्द कहा, बुरे सपने की तरह थी त्रासदी
इंदौर : भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल से सही.सलामत मध्यप्रदेश लौटने वाले सैलानियों के 15 सदस्यीय दल के लिए हिमालय की गोद में बसे इस पडोसी मुल्क की यात्रा किसी बुरे सपने की तरह थी. इन सैलानियों ने अपने घर लौटकर राहत की सांस ली है. लेकिन भूकंप का भयावह मंजर भुलाना उनके लिएकाफी […]
विमान के जरिये काठमांडू से दिल्ली होते हुए कल रात इंदौर पहुंचे पर्यटक दल के मुखिया संजय काला ने बताया, ‘हम ईश्वर के शुक्रगुजार हैं, जिसने हमें नेपाल की भूकंप त्रासदी के दौरान मौत के मुंह से बचा लिया. लेकिन भूकंप का वह मंजर हमारे लिए किसी बुरे सपने की तरह है जो हमसे भुलाये नहीं भूल रहा.’ उन्होंने बताया कि उनके 15 सदस्यीय पारिवारिक दल में 12 वर्ष से 50 वर्ष की उम्र के सदस्य शामिल थे. इसमें 7 बच्चे और 8 वयस्क थे. इस दल में बुरहानपुर में रहने वाले उनके दो रिश्तेदारों का परिवार भी शमिल था. यह दल 19 अप्रैल को नेपाल की यात्रा के लिए रवाना हुआ, जिसे 25 अप्रैल की रात भारत लौटना था.
इंदौर के 49 वर्षीय कारोबारी ने बताया, ‘नेपाल में 25 अप्रैल की सुबह 11.45 बजे के आसपास जब भूकंप आया, तो हम काठमांडू के एक होटल की दूसरी मंजिल पर थे. अचानक होटल की इमारत हिलने लगी और लोगों ने चीखना शुरु कर दिया. कुछ ही देर में इमारत में दरारें पड गयीं. हम घबराहट में गिरते-पड़ते होटल से नीचे उतरे और पाकि’ग के खुले क्षेत्र में पहुंच गये.’ उन्होंने कहा, ‘कुछ ही देर में हमारे देखते ही देखते पूरा होटल खाली हो गया. सडक पर घबराया जन सैलाब दिखायी दे रहा था. काठमांडू में दिन भर भूकंप के झटके आते रहे. हम लोगों ने होटल के बाहर ही खुले आसमान के नीचे लॉन में रात गुजारी.’
काला ने बताया ‘हम अगले दिन यानी 26 अप्रैल की सुबह 6 बजे जैसे.तैसे एक गाडी किराये पर लेकर काठमांडू के हवाई अड्डे पहुंचे. दिन भर में हमारी दिल्ली की उडान दो बार निरस्त हुई. आखिरकार हमें 27 अप्रैल को दिल्ली की उडान मिल सकी.’ उन्होंने बताया कि भूकंप की त्रासदी के बाद नेपाल में हालात बेहद खराब हैं. अब भी बडी तादाद में लोग मलबे में दबे हैं और वहां राहत कार्य धीमी गति से चल रहा है. हजारों लोग खुले आसमान के नीचे शरण लेने को मजबूर हैं. भूकंप के बाद हुई बारिश ने हालात को बद से बदतर कर दिया है.
काला ने बताया कि नेपाल में भूकंप के बाद खाने-पीने की वस्तुओं की बेहद कमी हो गयी है. काठमांडू के हवाई अड्डे पर पानी की आधा लीटर की बोतल 250 रुपये की मुंहमांगी कीमत पर बिक रही है. उनके दल ने इन्दौर से साथ ले जाये गये नमकीन और सेंव-परमल (एक तरह का इंदौरी नाश्ता) खाकर दो दिन तक काम चलाया.
उन्होंने बताया कि काठमांडू के हवाई अड्डे पर अब भी सैकडों भारतीय पर्यटक फंसे हुए हैं. इन पर्यटकों के पास विमान से नेपाल छोडने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि भूकंप के बाद जगह-जगह सडकों में दरार आने से इस पडोसी मुल्क का भारत से सडक संपर्क बुरी तरह बाधित हो गया है.
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