इसके बाद थाना सबौर पुलिस में तारणी प्रसाद रजक की पत्नी दुर्गा देवी की शिकायत पर अरुण मंडल के खिलाफ मामला दर्ज कराया. पुलिस ने 18 अगस्त को सबौर से शिक्षक तारणी प्रसाद रजक को मुक्त कराया. तारणी प्रसाद रजक ने बताया कि सिमरिया में उन्हें बंधक बना लिया गया था. वहां उनसे पचास हजार रुपया वापस घर जाने के लिए मांगा गया. उसने बताया कि उसे दरियापुर में एक घर में पांच दिनों तक बंधक बना कर रखा गया.
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सबौर : शिक्षक के अपहरण मामले में अरुण मंडल दोषी
भागलपुर: षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश शिव कुमार शुक्ला की कोर्ट ने सबौर के शिक्षक तारणी प्रसाद रजक के अपहरण मामले में सोमवार को अरुण मंडल को दोषी करार दिया. अदालत चार मई को आरोपित अरुण मंडल के खिलाफ सजा सुनायेगी. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक काशीनाथ मिश्र व बचाव पक्ष से […]
भागलपुर: षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश शिव कुमार शुक्ला की कोर्ट ने सबौर के शिक्षक तारणी प्रसाद रजक के अपहरण मामले में सोमवार को अरुण मंडल को दोषी करार दिया. अदालत चार मई को आरोपित अरुण मंडल के खिलाफ सजा सुनायेगी. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक काशीनाथ मिश्र व बचाव पक्ष से अलका पांडे ने केस की पैरवी की.
यह है मामला. 31 जुलाई 1992 को सबौर हाई स्कूल के शिक्षक तारणी प्रसाद रजक शाहकुंड निवासी अरुण मंडल के साथ स्कूल गये थे. स्कूल से वापस आने के बाद दोबारा दोनों सिमरिया के कुछ छात्रों का दसवीं का रजिस्ट्रेशन करने गये थे. मगर वह चार दिनों तक घर नहीं लौटे. परिजनों ने आसपास शिक्षक की तलाश की, लेकिन वे नहीं मिले. इस बीच अरुण मंडल ने घर आकर पचास हजार रुपये देने पर शिक्षक को मुक्त करने की बात कही.
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