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भूकंप पीड़ित का दर्द, वो मेरे लिए सबकुछ थी

काठमांडो: अपने घर के मलबे से 14 साल की बेटी का शव निकाले जाने पर दयाराम मोहत बेसुध फर्श पर गिर पडा.नेपाली पुलिस बचावकर्मियों ने इस लडकी का शव निकाला. दयाराम ने कुछ देर बाद सुबकते हुए कहा, ‘‘वह मेरे लिए सब कुछ थी, उसने कुछ भी गलत नहीं किया.’’ उसका परिवार काठमांडो के घनी […]

काठमांडो: अपने घर के मलबे से 14 साल की बेटी का शव निकाले जाने पर दयाराम मोहत बेसुध फर्श पर गिर पडा.नेपाली पुलिस बचावकर्मियों ने इस लडकी का शव निकाला. दयाराम ने कुछ देर बाद सुबकते हुए कहा, ‘‘वह मेरे लिए सब कुछ थी, उसने कुछ भी गलत नहीं किया.’’ उसका परिवार काठमांडो के घनी आबादी वाले बालाजू इलाके में रहता था, जो शनिवार को घर में ही थे जब 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था.

उस समय वह किसी काम से घर से दूर था, घर के ज्यादातर लोग भी भूकंप आने पर जल्द भागने में सफल रहे थे. बाद में परिवार के लोगों ने महसूस किया कि प्रसमास अपनी चाची के साथ लापता है. दरअसल ये दोनों घर से बाहर नही निकल सके. लडकी के पिता ने बताया कि यह सब बहुत जल्दी हुआ. हम दो दिन तक उनके नाम चिल्लाते रहे लेकिन मलबे में नहीं घुस पा रहे थे.

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