कोलकाता. शनिवार को आये भूकंप की त्रसदी से नेपाल में मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. अभी भी काफी लोग मलबे में दबे हुए हैं. भारत ने अपनी पूरी ताकत नेपाल में चल रहे राहत व बचाव अभियान में झोंक दी है. भारत के इस ऑपरेशन मैत्री में हिस्सा लेने के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पोंस फोर्स (एनडीआरएफ) की तीन टीमें सोमवार को नेपाल के लिए रवाना हुईं. इस टीम में एनडीआरएफ के 118 कर्मी व अधिकारी हैं. जिसमें डॉक्टर व नर्सिग स्टाफ भी शामिल हैं.
एनडीआरएफ की यह टीम सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट से नेपाल के लिए रवाना हुई. उत्तर-पूर्व के राज्यों में तैनात एनडीआरएफ की यह सबसे बड़ी टीम अपने साथ चिकित्सीय सामग्रियों, दवाओं इत्यादि के साथ ऐसे यंत्र भी ले गये हैं, जिसके द्वारा भूकंप से प्रभावित नेपाल में संपर्क करने में मदद मिलेग. एनडीआरएफ की सेकेंड बटालियन के कमांडेंट संदीप चानन ने बताया कि हम लोगों ने ऐसे प्रशिक्षित व दक्ष लोगों की टीम भेजी है, जो फंसे हुए लोगों को तलाश करने में माहिर हैं. श्री चानन ने बताया कि टीम के साथ चार खोजी कुत्ते भी हैं, जो बचाव के काम में पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. टीम में दो डॉक्टर भी शामिल हैं. यह टीम सोमवार दोपहर 1.50 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट से काठमांडो के लिए रवाना हुई.
श्री चानन ने बताया कि चूंकि बचाव टीम के सदस्य अपना अधिकतर ध्यान राजधानी काठमांडो पर केंद्रित कर रखा है. इसलिए हमारी यह टीम शहर के बाहरी इलाकों में पहुंचने का प्रयास करेगी. जो इस प्राकृतिक आपाद से पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. एनडीआरएफ के साथ-साथ सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भी राहत व बचाव अभियान में शामिल हो चुका है. एसएसबी की जिम्मेदारी भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा है.
एसएसबी के डायरेक्टर जनरल बीडी शर्मा ने बताया कि एसएसबी के डीआइजी कमांडेंट स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को सीमा आउट पोस्ट पर तैनात किया गया है. हम लोग भारतीय पर्यटकों एवं भारतीय मूल के नेपाली नागरिकों के भारत में लाने की व्यवस्था कर रहे हैं. श्री शर्मा ने बताया कि बिहार के रक्सौल स्थित भारत-नेपाल सीमा से अब तक लगभग पांच हजार लोग नेपाल से भारत आ चुके हैं.