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पैसों के लिए धंधा बन गयी है शिक्षा
ज्ञानियों की बातें ज्ञानी ही जानें, क्योंकि किसी ज्ञानी ने ठीक ही कहा है कि बांटने से ज्ञान बढ़ता है. लेकिन आज जिस तरह शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है, उसमें क्या हम विद्वानों की बातों का अनुसरण कर पा रहे हैं? अब तो स्थिति यह है कि ज्ञान यानी शिक्षा पैसा कमाने […]
ज्ञानियों की बातें ज्ञानी ही जानें, क्योंकि किसी ज्ञानी ने ठीक ही कहा है कि बांटने से ज्ञान बढ़ता है. लेकिन आज जिस तरह शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है, उसमें क्या हम विद्वानों की बातों का अनुसरण कर पा रहे हैं?
अब तो स्थिति यह है कि ज्ञान यानी शिक्षा पैसा कमाने का माध्यम बन गयी है. यह आपको हर छोटे-बड़े सरकार और निजी स्कूलों में देखने को मिल जायेगा. आज जिस प्रकार शिक्षा के नाम पर अभिभावकों से निजी स्कूलों द्वारा पैसों की वसूली की जा रही है, उससे तो स्कूल प्रबंधकों के वारे-न्यारे हो रहे हैं.
उनके खाते में तो अंधाधुंध पैसों की बरसात हो रही है और हो भी क्यों नहीं. विद्यालयों में री-एडमिशन, विकास शुल्क, किताबों की बिक्री से कमीशन आदि स्रोतों से कमाई जो हो रही है. दिक्कत मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों को उठानी पड़ रही है. यह उनकी बला से.
विकास गुप्ता, रामगढ़
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