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माफिया को दिया अंगरक्षक, होगी जांच
रांची : हजारीबाग पुलिस ने पत्थर के अवैध कारोबारी सुखदीप सिंह गांधी को दो अंगरक्षक कैसे और किस आधार पर उपलब्ध करायी, इसकी जांच होगी. मुख्य सचिव राजीव गौबा ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिख कर जांच का आदेश दिया था. प्रभात खबर ने पांच अप्रैल को इससे संबंध खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद […]
रांची : हजारीबाग पुलिस ने पत्थर के अवैध कारोबारी सुखदीप सिंह गांधी को दो अंगरक्षक कैसे और किस आधार पर उपलब्ध करायी, इसकी जांच होगी. मुख्य सचिव राजीव गौबा ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिख कर जांच का आदेश दिया था. प्रभात खबर ने पांच अप्रैल को इससे संबंध खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद मुख्य सचिव ने जांच का आदेश दिया.
मुख्य सचिव ने पुलिस मुख्यालय से जांच कर इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का भी आदेश दिया है. साथ ही इस बाबत मुख्य सचिव कार्यालय को सूचित करने के लिए भी कहा है. उल्लेखनीय है कि हजारीबाग पुलिस ने सुखदीप सिंह को सिपाही रणविजय सिंह (1543) और सिपाही विरेंद्र कुमार सिंह (1001) को पिस्तौल के साथ अंगरक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त किया था.
पुलिस मुख्यालय की ओर से 24 दिसंबर को आदेश जारी करने के बाद भी गांधी को दिया गया अंगरक्षक वापस नहीं किया गया. 10 जनवरी को जब मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को कड़ा पत्र लिखा, तब 23 जनवरी को सिपाही विरेंद्र सिंह को वापस किया गया.
दुबारा पत्र लिखे जाने के बाद 27 फरवरी को दूसरा अंगरक्षक वापस किया गया. सुखदीप सिंह गांधी पिछले 29 मार्च को तब चर्चा में आये, जब बरही की एसडीओ ज्योत्सना सिंह के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने उनके बरकट्ठा स्थित क्रशरों पर छापेमारी की गयी थी. छापेमारी में बड़े पैमाने पर पत्थर तोड़ने की बात सामने आयी. प्रशासन ने पांच क्रशरों को सील कर दिया था. साथ ही एक पेलोडर, एक लोडर, एक जेसीबी और आधा दर्जन हाइवा जब्त किया था.
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