इस गांव के पांचु दास की पत्नी भुटकी देवी प्रसव पीड़ा से कराहती रही, लेकिन घटों बाद भी ममता वाहन नहीं पहुंचा. इस कारण मजबूरन घर में ही प्रसव कराना पड़ा. शनिवार की रात करीब एक बजे भुटकी देवी को प्रसव पीड़ा होने लगी. इसके बाद पांचु दास ने ममता वाहन के लिए गांव के सहिया साथी जितनी देवी से संपर्क किया. जितनी देवी ने कहा कि ममता वाहन मालिक हड़ताल पर हैं.
इसके बाद उन्होंने पंचायत के मुखिया मनोज यादव को जानकारी दी. मुखिया ने सारवां पीएचसी को फोन किया तो पीएचसी प्रभारी ने बताया कि कोई व्यवस्था करके सारवां ले आइए, तब गर्भवती का इलाज होगा. पांचु दास ने आसपास के लोगों से संपर्क किया, लेकिन शादी का मौसम होने के चलते वाहन नहीं मिला. मजबूरन एक निजी चिकित्सक को बुलाकर घर लाया. चिकित्सक ने अपने अनुसार गर्भवती महिला का इलाज किया. इसके बाद रविवार दोपहर करीब 3:15 बजे भुटकी देवी ने एक बच्ची को जन्म दिया. मुखिया मनोज यादव ने बताया कि ममता वाहन नहीं आने पर गर्भवती महिला को 30 किलोमिटर दूर सारवां ले जाना काफी मुश्किल होता है. भुटकी देवी के साथ भी शनिवार की रात ऐसी स्थिति बन गयी थी कि कहीं प्राइवेट वाहन नहीं मिलने के कारण मजबूरन घर पर ही प्रसव कराना पड़ा. भुटकी देवी स्वस्थ्य है.