धोखा देकर बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल की अपनी राजनीति चमकाने में लगी है. केवल स्थानीय नीति के सहारे सरकारी नौकरियों में दूसरे राज्य के लोगों की दखल को खत्म नहीं किया जा सकता. स्थानीय नीति के आधार पर झारखंडी कौन इसे तय किया जा सकता है. मुख्यमंत्री नौजवानों का गुस्सा ठंडा करने के लिए झूठी दलील दे रही है. आज हम बाहर के लोगों को नहीं रोक पा रहे हैं. सरकार क्षणिक लाभ के लिए कुछ पहलुओं को जोड़ भी देती है, तो बाद में मामला कानूनी दावं-पेंच में फंस जायेगा. सरकार पल्ला झाड़ लेगी और यहां के लोगों को न्याय नहीं मिलेगा.
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झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा, राजनीति चमकाने में लगी है भाजपा
रांची: झाविमो ने कहा है कि सरकार स्थानीय नीति और नियोजन नीति का प्रारूप घोषित करे. सरकार इन नीतियों को घोषित नहीं करेगी, तो झाविमो के कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे. झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार स्थानीय नीति को लेकर राज्य की जनता को अंधेरे में […]
रांची: झाविमो ने कहा है कि सरकार स्थानीय नीति और नियोजन नीति का प्रारूप घोषित करे. सरकार इन नीतियों को घोषित नहीं करेगी, तो झाविमो के कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे. झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार स्थानीय नीति को लेकर राज्य की जनता को अंधेरे में रख रही है.
एक ही विकल्प है कि सरकार अनुच्छेद 16(3) के सरकार राज्य की सभी नौकरियों को कम से कम 10 वर्षो के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे. आंध्र प्रदेश, हिमाचल, मिजोरम, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में इसी प्रावधान के तहत नौकरियां आरक्षित की गयी है. मुख्यमंत्री दिल्ली दौड़ छोड़ कर झारखंड की जनता के लिए स्थानीय और नियोजन नीति लायें.
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