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भूकंप का झटका: विश्वास नहीं होता, हम जिंदा हैं

अररिया: शनिवार को आये भूकंप का केंद्र बिंदु भले ही मीलों दूर पड़ोसी देश नेपाल में रहा हो लेकिन इसके तेज झटकों ने जिले वासियों को अंदर तक हिला कर रख दिया. भूकंप की वजह कर लोगों में ऐसा खौफ समाया कि घंटों बाद अपराह्न् लगभग साढ़े तीन बजे एक दवा दुकान के स्टाफ संजय […]

अररिया: शनिवार को आये भूकंप का केंद्र बिंदु भले ही मीलों दूर पड़ोसी देश नेपाल में रहा हो लेकिन इसके तेज झटकों ने जिले वासियों को अंदर तक हिला कर रख दिया. भूकंप की वजह कर लोगों में ऐसा खौफ समाया कि घंटों बाद अपराह्न् लगभग साढ़े तीन बजे एक दवा दुकान के स्टाफ संजय कुमार की प्रतिक्रिया ये थी कि विश्वास नहीं होता कि हमलोग जिंदा हैं. शनिवार को भी लोगों ने अपने दैनिक जीवन की शुरुआत वैसे ही की, जैसे हर रोज करते रहे थे. रात की बारिश के बाद मौसम में हल्की ठंड थी. बादल घिरे हुए थे. अधिकांश बच्चे स्कूल जा चुके थे.
सरकारी कार्यालयों में काम-काज सामान्य रूप से चल रहा था. गृहणियां घर के काम में लगी थी. इसी बीच आये भूकंप के झटकों ने सब कुछ उलट पुलट कर रख दिया. देखते ही देखते हर तरफ शोर मचने लगा. लोग घरों से निकल कर सड़कों व अन्य खुली जगहों की ओर भागने लगे, जिसे देखो भूकंप, भागो-भागो चिल्लाता दिखा. शहर वासियों के मुताबिक भूकंप का पहला हल्का झटका पूर्वाह्न् लगभग 11 बज कर 42-43 मिनट पर महसूस किया गया. लोगों ने समझा कि यूं ही कुछ हिला होगा. ककोड़वा वार्ड नंबर 29 के सेवानिवृत्त शिक्षक मो कुतुबुद्दीन ने बताया कि वे किसी से फोन पर बात कर रहे थे.

झटका लगा तो सोचा सिर चकराया है. फिर तेज झटके से भूकंप का एहसास हुआ. वार्ड 28 के सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी अशफाक आलम ने बदहवासी की स्थिति में बताया कि वे घर में थे. कुरसी टेबुल सब हिलने लगा. फिर बाहर बिजली के खंभों को जोर-जोर से झूलते देख भूकंप का एहसास हुआ. फौरन घर से बाहर भागे. वहीं इसी वार्ड के तनवीर आलम ने कहा कि उन्होंने भी पहले ध्यान नहीं दिया. फिर तेज झटकों के शुरू होते ही वे परिवार के साथ घर से बाहर लॉन की तरफ भागे. उनकी बुजुर्ग मां बिस्तर पर थी. उन्हें किसी तरह गोद में उठा कर बाहर तक ले गये. झटके इतने तेज थे कि एक-एक कदम चलना दूभर हो रहा था. मुहल्ले में शोर मच गया. पूरे मुहल्ले में चीख पुकार मचती रही. लोग घंटों तक सड़कों व खुले मैदान में ही रहे.

हर पल फिर से झटका आने का अंदेशा सताता रहा. काफी देर बाद लोग अपने घरों के भीतर जाने का साहस जुटा पाये. वहीं व्यवसायी सउद आलम, गोपाल भगत, शफीउल होदा आदि ने बताया कि भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपनी दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों से ही नहीं बल्कि अस्पताल व निजी नर्सिग होम में भरती रोगी व उनके परिजन भी दहशत के मारे सड़क पर भाग आये. लोगों ने बताया कि सदर अस्पताल के सामने वाली सड़क पर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गयी. हर शख्स का हाथ दुआ व प्रार्थना के लिए देर तक ऊपर उठा रहा. वहीं मौलवी टोला निवासियों ने बताया कि पूरे मुहल्ले में अफरा-तफरी मच गयी. युवा व्यवसायी साजिद एकबाल व तनवीरूल होदा ने बताया कि लोग दहशत में आ गये. कुछ खुली जगहों की तरफ भागे. तो कुछ ने जामा मसजिद में पनाह ली. लोग अल्लाह से दुआ मांगते रहे. बताया गया कि 12 बज कर 18 मिनट पर आया झटका हल्का जरूर था, लेकिन इसके चलते लोग अधिक खौफजदा हैं. लोगों को डर सताने लगा है कि कहीं फिर तेज झटका न आ जाये.

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