हैदराबाद : नेपाल और भारत के कई हिस्सों को बुरी तरह से हिला देने वाले और रिक्टर पैमाने पर 7.9 तीव्रता के भूकंप को भीषण भूकंप की श्रेणी में रखा जा सकता है और अगले 10-15 दिनों तक इसके प्रभाव से बाद में झटके आने जारी रह सकते हैं. यह बात आज राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान(एनजीआरआई) के भूगर्भ विशेषज्ञ आरके चड्ढा ने कही.
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वैज्ञानिक ने किया आगाह, अगले 10 से 15 दिनों तक इसी क्षेत्र में फिर भूकंप आने के खतरे रहेंगे, रहें चौकन्ना
हैदराबाद : नेपाल और भारत के कई हिस्सों को बुरी तरह से हिला देने वाले और रिक्टर पैमाने पर 7.9 तीव्रता के भूकंप को भीषण भूकंप की श्रेणी में रखा जा सकता है और अगले 10-15 दिनों तक इसके प्रभाव से बाद में झटके आने जारी रह सकते हैं. यह बात आज राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान […]
सीएसआईआर-एनजीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक चड्ढा ने पीटीआई भाषा से कहा, इसकी तीव्रता को देखते हुए इसे भीषण भूकंप कहा जा सकता है. इस तरह की तीव्रता में अगले 10-15 दिन तक बाद के झटके इसी क्षेत्र में जारी रह सकते हैं . हालांकि वे हल्के होंगे और उनकी तीव्रता घटती चली जायेगी. उन्होंने कहा कि एनजीआरआई की देश भर की पर्यवेक्षणशालाओं ने भूकंप दर्ज किया जो पूर्वाह्न 11 बजकर 41 मिनट पर आया जिसका केंद्र काठमांडो से 80 किमी उत्तर पश्चिम में जमीन से 15 किमी नीचे था.
वैज्ञानिक ने कहा कि क्षेत्र में शाम साढे चार बजे तक रिक्टर पैमाने पर 5 से 6.6 तीव्रता वाले 15 झटके महसूस किये जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि आज का भूकंप नेपाल एवं आसपास के क्षेत्र में 1934 के बाद आया सबसे बडा भूकंप था. 1934 में नेपाल-बिहार सीमा पर 8.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था.
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