— केंद्र ने दो साल के लिए मांगा चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान का कैंपस संवाददाता,पटना आइआइएम, बोधगया का मेंटर बदल गया है. अब आइआइएम, इंदौर की जगह आइआइएम, कोलकाता मेंटर की भूमिका निभायेगा. आइआइएम, बोधगया में सत्र 2015-16 से ही नामांकन होना है. बोधगया से कोलकाता की रेल, हवाई व सड़क की कनेक्टिविटी की वजह से केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. इधर,मगध विश्वविद्यालय के सिंडिकेट व सीनेट से विश्वविद्यालय की जमीन आइआइएम, बोधगया के लिए पास करा दी गयी है. इस पर केंद्र ने राज्य सरकार को कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है. आइआइएम, बोधगया के लिए जो जमीन दी जा रही है, वह बिना किसी शर्त के दी जा रही है और जमीन पर कोई विवाद नहीं है और सभी मामले साफ हो चुके हैं, यह राज्य सरकार केंद्र को यह लिखित रूप से दे. इसके अलावा पटना स्थिति चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के नये कैंपस को भी आइआइएम, बोधगया के लिए ऑफिस चलाने के लिए दो साल के लिए दिया जाये. शिक्षा विभाग चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान से इसके लिए सहमति मांग रहा है. सहमति मिलने के बाद केंद्र सरकार को सभी बिंदुओं स्थिति स्पष्ट करके सरकार जवाब भेज देगी. नये सत्र से मगध विश्वविद्यालय कैंपस में पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए फिलहाल विश्वविद्यालय की एक बिल्डिंग व हॉस्टल लेने की बात है.
आइआइएम बोधगया का मेंटर बदला अब कोलकाता करेगा मॉनीटरिंग
— केंद्र ने दो साल के लिए मांगा चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान का कैंपस संवाददाता,पटना आइआइएम, बोधगया का मेंटर बदल गया है. अब आइआइएम, इंदौर की जगह आइआइएम, कोलकाता मेंटर की भूमिका निभायेगा. आइआइएम, बोधगया में सत्र 2015-16 से ही नामांकन होना है. बोधगया से कोलकाता की रेल, हवाई व सड़क की कनेक्टिविटी की वजह से […]
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