सुप हिंसक चरमपंथ बर्दाश्त नहीं करने की नीति बनायेसंयुक्त राष्ट्र. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि राज्य प्राधिकार की गैरमौजूदगी से हिंसक चरमपंथी संगठनों को पनपने का आधार मिलता है और ऐसे गुटों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए, क्योंकि आतंकवादियों को अच्छे और बुरे के खांचे में नहीं बांटा जा सकता. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि भगवंत बिश्नोई ने ‘हिंसक चरमपंथ और शांति को बढ़ावा देने में युवाओं की भूमिका’ पर परिषद की चर्चा में कहा, आतंकवाद बुराई है. अच्छे और बुरे आतंकवादी नहीं हो सकते. इसी तरह, चरमपंथ और हिंसक चरमपंथ हमेशा बुरा है. इसके प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए. बिश्नोई ने कहा कि यह जानने की जरूरत है कि राज्य प्राधिकार की गैरमौजूदगी या कमजोर राज्य प्राधिकार से हिंसक चरमपंथी गुटों को पनपने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा, यह तथ्य गौण है कि वहां गरीबी और बेरोजगारी है. असल में, ऐसे हालात मजबूत राज्य प्राधिकार की गैरमौजूदगी के कारण ही होता है. बिश्नोई ने कहा कि धार्मिक कट्टरपंथ हिंसक चरमपंथ के लिए जिम्मेदार है. युवाओं को सशक्त और शिक्षित करने में भलाई का जिक्र करते हुए कहा कि नफरत की राजनीति करनेवालों से बचना महत्वपूर्ण है.
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आतंकवादी अच्छे या बुरे नहीं होते : भारत
सुप हिंसक चरमपंथ बर्दाश्त नहीं करने की नीति बनायेसंयुक्त राष्ट्र. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि राज्य प्राधिकार की गैरमौजूदगी से हिंसक चरमपंथी संगठनों को पनपने का आधार मिलता है और ऐसे गुटों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए, क्योंकि आतंकवादियों को अच्छे और बुरे के खांचे में […]
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