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किसान की खुदकुशी: अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर दिल्ली प्रशासन और दिल्ली पुलिस में ठनी

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की एक रैली में कल एक किसान के खुदकुशी कर लेने के मामले की जांच कर रहे जिलाधिकारी (डीएम) के वैधानिक अधिकारों के मुद्दे पर आज दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए. दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली जिले के जिलाधिकारी को पत्र […]

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की एक रैली में कल एक किसान के खुदकुशी कर लेने के मामले की जांच कर रहे जिलाधिकारी (डीएम) के वैधानिक अधिकारों के मुद्दे पर आज दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए. दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली जिले के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि किसान की खुदकुशी के मामले में जांच करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता क्योंकि यह आत्महत्या के लिए उकसाने सहित आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में दर्ज की गई प्राथमिकी से जुडा विषय है.

दिल्ली सरकार की ओर से कराई जा रही मजिस्ट्रेट जांच की जिम्मेदारी संभाल रहे डीएम ने पुलिस की दलीलों के जवाब में लिखा कि उनके पास ऐसे मामलों की जांच के वैधानिक अधिकार है. डीएम संजय सिंह ने नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त विजय सिंह को पत्र लिखकर कहा कि वह घटना से जुडे सारे दस्तावेज और सबूत कल सुबह 11 बजे तक मुहैया कराएं और यदि ऐसा नहीं किया गया तो इसे कानूनन अपराध माना जाएगा. दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सीआरपीसी की धारा 174 :1: और धारा 176 (1) के मुताबिक, डीएम को ऐसे मामलों की जांच का अधिकार है. यहां तक कि पिछले मामलों में भी मजिस्ट्रेट जांच हुई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल 24 फरवरी को आत्महत्या के एक मामले में पुलिस को जिलाधिकारी को सारी सूचनाएं मुहैया करानी पडी थीं, लेकिन अब पुलिस क्यों कह रही है कि इस मामले में डीएम का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है ?’’ अधिकारी ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा कानून की धारा 122 के मुताबिक यदि मांगी गई सूचना नहीं दी गई तो सजा का प्रावधान भी है.

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