मोहनपुर. नियोजित शिक्षकों की जबरदस्त हड़ताल के कारण सरकार की महत्वाकांक्षी नामांकन अभियान खटाई में पड़ गया है. तमाम सरकारी दबावों एवं धमकियों के बीच न तो बीआरसी का ताला खुला और न ही विद्यालयों में पठन-पाठन लागू हो पाया है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत एक अप्रैल से तीस अप्रैल तक चलने वाले नामांकन अभियान पर खर्च होने वाली राशि का कोई सार्थक परिणाम होता नहीं दिखा रहा है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में सरकार ने विद्यालयों से बाहर के बच्चों को चिह्नित करने के लिये एक सर्वेक्षण कराया गया था. जिसमें वैसे बच्चे जो विद्यालय से आज भी दूर हैं. उन सभी को विद्यालय से जोड़ने की मुहिम चलायी गयी थी. इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में जागरूकता कर्मियों को संविदा के आधार पर नौकरी देकर नामांकन के लिए बच्चों के अभिभावकों से मिलकर प्रेरित करने का जिम्मा दिया गया था. लेकिन ये प्रेरक मोहनपुर प्रखंड तक पहुंच कर लौट जाते रहे. हड़ताल के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा है. प्रखंड के साठ विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना की क्रियान्वयन सहित पठन-पाठन पूरी तरह ठप है. तीन विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना शुरू हुई लेकिन फिर बन्द हो गया. गुरुवार को भी बीआरसी परिसर में दिन भर सैकड़ों नियोजित शिक्षक धरने पर बैठे रहे. शैक्षणिक सत्र समाप्त होने के कारण टीसी लेकर दूसरे विद्यालयों में नामांकन के लिए बच्चों व उनके अभिभावकों का प्रयास सफल नहीं हो पा रहा है और न ही बच्चों को टीसी मिल पा रहा है. इधर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय ब्रह्मदेव राय टोल के पूर्व प्रधानाध्यापक श्रवण चौधरी की आकस्मिक निधन पर नियोजित शिक्षकों ने एक शोक सभा भी की.
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नामांकन अभियान भी पड़ा खटाई में
मोहनपुर. नियोजित शिक्षकों की जबरदस्त हड़ताल के कारण सरकार की महत्वाकांक्षी नामांकन अभियान खटाई में पड़ गया है. तमाम सरकारी दबावों एवं धमकियों के बीच न तो बीआरसी का ताला खुला और न ही विद्यालयों में पठन-पाठन लागू हो पाया है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत एक अप्रैल से तीस अप्रैल तक चलने वाले नामांकन […]
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