राज्य में कई ऐसे कॉलेज हैं, जिसमें बरसों से पढ़ाई हो तो रही है, लेकिन सरकार उनकी मान्यता रद्द करने का जा रही है. चाहे वो डिग्री कॉलेज हों या फिर अन्य कॉलेज, सब पर खतरा लटकता नजर आ रहा है.
सरकार को ऐसे कॉलेजों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों का भविष्य संवारने के लिए समस्या का समाधान तो निकालना ही होगा. हालांकि, ऐसे कॉलेजों में नामांकन कराना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है, लेकिन मान्यता प्राप्त कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थाओं के अभाव में अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला ऐसे संस्थानों में कराते ही हैं.
आये दिन अखबारों में यह खबर पढ़ने को मिलती है कि सिंहभूम होम्योपैथी कॉलेज के छात्रों की डिग्री मान्य नहीं है. क्या यह बच्चों के साथ खिलवाड़ नहीं है?. सरकार से आग्रह है कि इस कॉलेज को मान्यता देने की कृपा करे.
मंजरी मिश्र, जमशेदपुर