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अवैध नींव पर खड़ा डाकबंगला का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

निर्माण में कई गड़बड़ी, बिल्डर की दबंगई कार्रवाई में बाधक नगर आयुक्त कोर्ट ने भी जतायी आपत्ति पटना : डाकबंगला चौराहा के समीप मेरिडियन कंस्ट्रक्शन व गणपति डेवलेपर्स के बन रहे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स अवैध नींव पर हैं. जमीन को लेकर शिया वक्फ बोर्ड व जमीन मालिकों की दावेदारी के बाद इसके निर्माण में भी कई […]

निर्माण में कई गड़बड़ी, बिल्डर की दबंगई कार्रवाई में बाधक
नगर आयुक्त कोर्ट ने भी जतायी आपत्ति
पटना : डाकबंगला चौराहा के समीप मेरिडियन कंस्ट्रक्शन व गणपति डेवलेपर्स के बन रहे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स अवैध नींव पर हैं. जमीन को लेकर शिया वक्फ बोर्ड व जमीन मालिकों की दावेदारी के बाद इसके निर्माण में भी कई अनियमितताएं मिली. इसको लेकर निगम अभियंताओं की जांच टीम के साथ ही नगर आयुक्त कोर्ट ने भी सवाल खड़े किये हैं. हालांकि इन सबके बावजूद नगर निगम, पटना पुलिस और बिल्डर के गठजोड़ में भवन का कार्य तेजी से चल रहा है.
बिजली की हो रही चोरी!
नगर आयुक्त कोर्ट ने अपने आदेश में परिसर के अंदर बिजली व पानी से लेकर इसके दुकानों के निबंधन को लेकर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दे रखा है. निर्माणाधीन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स परिसर में रात में भी काम चल रहा है,जो बिना बिजली के संभव नहीं. इस तरह से देखें तो बिल्डर द्वारा अवैध तरीके से बिजली की चोरी की जा रही है. कॉम्प्लेक्स परिसर में बिल्डर के गुर्गो की मौजूदगी की वजह से बिजली इंजीनियर इसकी जांच भी नहीं कर पाते. अभियंताओं की मानें तो उनको पुलिस का पूरा सहयोग भी नहीं मिल पाता.
पार्किग सही नहीं
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में जिस तरह से दुकान, कार्यालय व थियेटर बनाये गये हैं. उसके मुताबिक पार्किग का इंतजाम नहीं किया गया है. नक्शे के अनुसार पार्किग 4000 वर्गमीटर से अधिक होनी चाहिए थी, जबकि पार्किग के लिए 600 वर्ग मीटर से भी कम जगह छोड़ी गयी है.
सड़क
– स्वीकृत नक्शा में सामने यानी बेली रोड सड़क की तरफ 36.58 मीटर चौड़ाई छोड़नी थी,लेकिन स्वीकृत नक्शे में 7.73 मीटर भू-पट्टी नहीं छोड़ी गयी.
– पश्चिम बंदर बगीचा की तरफ सड़क चौड़ीकरण के लिए 2.50 से 2.90 मीटर जगह छोड़नी थी,पर नहीं छोड़ी गयी.
ऊंचाई
– तीन बार नक्शे का पुनरीक्षण हुआ. पहली बार 14.98 मीटर, दूसरी बार 21 मीटर और तीसरी बार 29.85 मीटर का नक्शा बनाया गया, लेकिन सातवें तल्ले तक के निर्माण में ही ऊंचाई 29.14 मी पहुंच गयी, जबकि आठवें तल्ले की स्वीकृत ऊंचाई छह मीटर का निर्माण बाकी था. इसको देखते हुए ही आठवें तल्ले के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया था.
सेटबैक
– सामने में बेसमेंट का निर्माण सेटबैक पर 4.50 मीटर तक बढ़ कर कर लिया गया है जबकि बेसमेंट का निर्माण बिल्डिंग लाइन के अंदर ही होना चाहिए था.
– पीछे में भी सेटबैक में तीन मीटर तक की कमी है. बेसमेंट के निर्माण में अतिक्रमण कर लिया गया है.- पूरब व पश्चिम दिशा में भी बेसमेंट निर्माण में सेटबैक के तीन से चार मीटर हिस्से का अतिक्रमण किया गया है.
निगम शुक्रवार को संतोषा मामले में कोर्ट में जमा करेगा प्रतिवेदन
राजधानी के बंदर बगीचा स्थित संतोषा कॉम्प्लेक्स के अवैध हिस्सा तोड़ने के मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.फ्लैट मालिक ने कोर्ट को बताया था कि निगम प्रशासन द्वारा कॉम्प्लेक्स की गलत नापी की गयी है. इसको लेकर कोर्ट ने जस्टिस एसएन झा को सही नापी की जिम्मेवारी दी और जस्टिस झा ने अपनी नापी रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध करा दी है.
अवैध हिस्से को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस पर कोर्ट ने दुबारा निगम प्रशासन से शुक्रवार को प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट के निर्देश के आलोक में निगम प्रशासन द्वारा प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है. इसमें जस्टिस झा द्वारा की गयी अनुशंसा पर सवाल उठाया है. प्रतिवेदन में कहा गया है कि जस्टिस झा ने जिस फ्लोर को मेजनाइज के रूप में चिह्न्ति किया है, वह मेजनाइज फ्लोर है ही नहीं. बिल्डिंग बाइलॉज में मेजनाइज का स्पष्ट प्रावधान है, जो बिल्डिंग में नहीं है. मेजनाइज फ्लोर पर रेस्टोरेंट चल रहा है और किचन भी है.
इसके साथ ही ऊपर के एक फ्लोर को जुर्माना लेकर समझौता करने की भी अनुशंसा की है, जिसमें निगम प्रशासन को आपत्ति है. नगर आयुक्त ने कहा कि संतोषा का मामला वर्ष 2000 से चल रहा है और तत्कालीन पीआरडीए के कोर्ट, ट्रिब्यूनल व हाइकोर्ट ने स्पष्ट फैसला सुनाया, लेकिन बिल्डर ने हमेशा गुमराह किया है. निगम भी अपना पक्ष कोर्ट को उपलब्ध करायेगा.

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