– असंगठित मजदूरों ने जिला अधिकारी कार्यालय के सामने दिया धरना-डीएम को मांग पत्र सौंप की मांग, 500 रुपये प्रतिदिन हो न्यूनतम मजदूरी फोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरमहंगाई, बेरोजगारी व सरकारी लूट-खसोट के बीच मजदूर पहले से ही पिस रहे हैं. केंद्र व राज्य सरकार भी मजदूरों को धोखे में रख रही है. भ्रष्टाचार की सबसे अधिक मार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर पड़ रही है. उक्त बातें एक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने मंगलवार को एक्टू से संबद्ध असंगठित कामगार महासंघ की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय सामने आयोजित धरना कार्यक्रम के दौरान कही. मजदूर नेताओं ने कहा कि श्रम कार्यालय में संसाधन व कर्मचारी का अभाव है, जिससे मजदूरों का काम नहीं हो पा रहा है. धरना का समापन प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में मांग पत्र सौंप किया गया. प्रतिदिन 500 रुपये न्यूनतम मजदूरी, 3000 रुपये न्यूनतम प्रतिमाह पेंशन, 50 हजार रुपये अनुदान, पांच लाख रुपये दुर्घटना सहायता आदि की मांग की. इस दौरान पांच मई को होने वाले मजदूर-किसान अधिकार मार्च में शामिल होने के लिए पटना जाने की अपील की गयी. धरना कार्यक्रम में सौ से अधिक महिला-पुरुष कामगार शामिल हुए. मौके पर जिला अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद यादव, अरुणाभ शेखर, जिला संयुक्त सचिव अमर कुमार, लूटन तांती, बुधनी देवी, अमित कुमार, मीरा देवी, अफसाना बेगम आदि उपस्थित थे.
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मजदूरों को धोखे में रख रही है सरकार
– असंगठित मजदूरों ने जिला अधिकारी कार्यालय के सामने दिया धरना-डीएम को मांग पत्र सौंप की मांग, 500 रुपये प्रतिदिन हो न्यूनतम मजदूरी फोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरमहंगाई, बेरोजगारी व सरकारी लूट-खसोट के बीच मजदूर पहले से ही पिस रहे हैं. केंद्र व राज्य सरकार भी मजदूरों को धोखे में रख रही है. भ्रष्टाचार की सबसे अधिक […]
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