हिंदी में स्थानीय स्तर में कौन सी किताब बेस्ट सेलर की श्रेणी में आ सकती है कहना मुश्किल है. लेकिन कुछ साहित्यकारों की कई किताबें जरूर अपने समय में चर्चित रहीं. जयनंदन इनकी भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित ‘सरमेव जयते’ काफी चर्चित रही. इनके मुताबिक इसके लिए उन्हें 1992 में युवा ज्ञानपीठ पुरस्कार भी मिला. यह कारखाने में मजदूरों के जीवन पर आधारित है. उनकी वाणी प्रकाशन, दिल्ली से आयी कहानी संकलन ‘सेराज बैंड बाजा’ भी खासी चर्चित रही. कमलजीत कमल इनका उपन्यास ‘आखर 84’ भी खूब पढ़ा गया. इनके मुताबिक छह महीने के अंदर ही इसका दूसरा संस्करण भी आ गया था. यह इतनी लोकप्रिय हुआ कि पंजाबी में भी अनूदित किया गया. यह 1984 दंगे पर आधारित है. इसी तरह इनका कहानी संग्रह ‘प्यार के दो चार पल’ भी चर्चा में रही. यह भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन से प्रकाशित हुई. ‘प्यार के दो चार पल’ कहानी को बेस्ट ऑफ नया ज्ञानोदय में भी शामिल किया गया था. सी भास्कर राव ये साहित्य और सिनेमा दोनों में लिखते रहे हैं. इनका व्यंग्य संग्रह ‘संसद में सोने का सुख’ की खूब वाहवाही हुई. यह सीमांत प्रकाशन, दिल्ली से आयी थी. शारदा प्रकाशन, दिल्ली से विशिष्ट कहानियां, पराग प्रकाशन से प्रकाशित उपन्यास शोध भी खूब पढ़ी गयी. इसके अलावा दादा साहब पुरस्कार विजेता (दो खंड) भी चर्चा में रही.
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साक्षात्कार में जोड़…(इसे भी रोकें….)
हिंदी में स्थानीय स्तर में कौन सी किताब बेस्ट सेलर की श्रेणी में आ सकती है कहना मुश्किल है. लेकिन कुछ साहित्यकारों की कई किताबें जरूर अपने समय में चर्चित रहीं. जयनंदन इनकी भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित ‘सरमेव जयते’ काफी चर्चित रही. इनके मुताबिक इसके लिए उन्हें 1992 में युवा ज्ञानपीठ पुरस्कार भी मिला. यह […]
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