प्रतिनिधि, सरैयाहाटसरैयाहाट प्रखंड के अमघट्टा गांव में आयोजित सातदिवसीय श्रीमदभागवत कथा ज्ञानयज्ञ में रविवार को कथावाचक महर्षि मेंही के परम शिष्य गुरुनंदन जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य का शरीर हमें बड़े सौभाग्य से मिला है. यदि हमने इस तन और सच्चे मन से परमात्मा को पाने का प्रयत्न नहीं किया तो सारा जीवन व्यर्थ हो जायेगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम हाट जाते हैं तो कुछ खरीद बिक्री करते हैं. ठीक उसी प्रकार परमात्मा के हाट जाकर हमें क्या खरीद बिक्री करनी चाहिए? हमें ज्ञान और बुद्धि की खरीद बिक्री करनी चाहिए. इसे ही पाकर हम अपने जीवन को बेहतर कर सकते हैं. ज्ञान और बुद्धि के बिना तो हमारा जीवन भी पशु के ही समान है. उन्होंने कहा: मनुष्य का यह जो शरीर है, उसके इस रास्ते पर फिसलन बहुत है और उसका रास्ता भी बहुत ही सूक्ष्म है. इसलिए हमें इश्वर से सच्चा प्रेम व भजन कीर्तन कर सही रास्ते पर चलना होगा. इस भागवत कथा यज्ञ में काफी संख्या में महिला व पुरुष कथा सुनने पहुंच रहे हैं. 20 अप्रैल को इस सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का समापन होगा.—————— फोटो-सरैयाहाट-भागवत-1/2–
श्रीमदभागवत कथा श्रवण के लिए जुटे हजारों श्रद्घालु// बोले गुरुनंदन जी महाराज/ मिला है मनुष्य का शरीर सौभाग्य से, परमात्मा को पाने का प्रयत्न नहीं किया, तो सारा जीवन व्यर्थ
प्रतिनिधि, सरैयाहाटसरैयाहाट प्रखंड के अमघट्टा गांव में आयोजित सातदिवसीय श्रीमदभागवत कथा ज्ञानयज्ञ में रविवार को कथावाचक महर्षि मेंही के परम शिष्य गुरुनंदन जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य का शरीर हमें बड़े सौभाग्य से मिला है. यदि हमने इस तन और सच्चे मन से परमात्मा को पाने का प्रयत्न नहीं किया तो […]
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