डॉ मंगेशजनरल फीजिशियनलाइफस्टाइल में बदलाव कर बीपी की बीमारी से बचाव संभवबल्ड प्रेशर की बीमारी के दो प्रकार की होती है. प्राइमरी और सेकेंडरी. प्राइमरी ब्लड प्रेशर 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है. इसके पीछेे सबसे बड़ी वजह आपकी असंतुलित दिनचर्या हो सकती है. अन्य कारणों की बात की जाये, तो यह जेनेटिक, इंवायरमेंटल, लाइफस्टाइल में बदलाव, चिंता, खानपान में तेल-मसाले का ज्यादा इस्तेमाल आदि के कारणों से भी हो सकता है. इन कारणों से रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं. उम्र बढ़ने के साथ शरीर की मांस पेशियां कड़ी हो जाती हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है. सेकेंडरी में महिलाओं को मेनोपॉज के बाद, हार्मोनल चेंज के कारण, मोटापा, थायरॉयड व कोलेस्ट्रोल लेवल के बढ़ने के कारण भी यह बीमारी हो सकती है. खानपान सही नहीं होने और असंतुलित जीवनशैली की स्थिति में यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है. हालांकि, इसका खतरा 40 वर्ष के बाद ज्यादा रहता है. इसलिए, 40 के पार होने पर ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करना बेहतर होता है. इस बीमारी में मरीज को सिर में हल्का दर्द होता है व कान में घनघनाहट जैसी आवाज सुनाई देती है. छाती में दर्द होता है, सांस लेने में दिक्कत होती है व अंग में कमजोरी आ जाती है. ऐसे लक्ष्ण दिखायी देने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये. संयमित जीवन शैली, तनाव से दूरी व व्यायाम के जरिये इस बीमारी को काबू में रखा जा सकता है. बीमारी : ब्लड प्रेशरलक्षण : सिर में दर्द, कान में घनघनी, छाती में दर्द व सांस लेने में दिक्कत आदि. उपाय : संयमित जीवनशैली, सेहतमंद खानपान व व्यायाम.
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बीपी को रखने है कंट्रोल तो आदतों को बदलें
डॉ मंगेशजनरल फीजिशियनलाइफस्टाइल में बदलाव कर बीपी की बीमारी से बचाव संभवबल्ड प्रेशर की बीमारी के दो प्रकार की होती है. प्राइमरी और सेकेंडरी. प्राइमरी ब्लड प्रेशर 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है. इसके पीछेे सबसे बड़ी वजह आपकी असंतुलित दिनचर्या हो सकती है. अन्य कारणों की बात की जाये, तो […]
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