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देगंगा में पुलिस के साथ झड़प

कोलकाता : देगंगा थाना के मिर्चापुर ग्राम इलाके में तीन जुआरियों को पकड़ने की घटना को लेकर पुलिस और ग्रामवासियों में झड़प हो गयी. नाराज लोगों ने एक पुलिस के जीप में तोड़फोड़ की. बताया जाता है कि देगंगा के मिर्चापुर गांव में एक मेला लगा हुआ था. शाम को वहां जुआ चल रहा था, […]

कोलकाता : देगंगा थाना के मिर्चापुर ग्राम इलाके में तीन जुआरियों को पकड़ने की घटना को लेकर पुलिस और ग्रामवासियों में झड़प हो गयी. नाराज लोगों ने एक पुलिस के जीप में तोड़फोड़ की. बताया जाता है कि देगंगा के मिर्चापुर गांव में एक मेला लगा हुआ था. शाम को वहां जुआ चल रहा था, तभी पुलिस वहां पहुंच गयी.
तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने तीन जुआरियों को पकड़ लिया. उन्हें पकड़ कर पुलिस ले आ रही थी, तभी स्थानीय लोगों ने पुलिस पर ईंट व पत्थर फेंकना आरंभ कर दिया. उन्होंने पुलिस की जीप में तोड़फोड़ की. घटना में दो पुलिस कर्मी घायल हो गये. बाद में विशाल पुलिस पहुंच कर स्थिति को काबू में किया. तोड़फोड़ करने के सिलसिले में पुलिस धर-पकड़ अभियान चला रही है.
हावड़ा : शालीमार रेल यार्ड गोलीबारी कांड के 11 दिन बीत गये. इस बीच एक घायल की मौत हो गयी, लेकिन अभी तक एक भी आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है. घटना के दिन छह अप्रैल को मृतक विनोद सिंह के बड़े भाई बृजनाथ सिंह ने मुख्य आरोपी परितोष तिवारी, कमलेश तिवारी, संजय तिवारी, अनिल तिवारी, अनूप तिवारी व अजय तिवारी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी शालीमार जीआरपी में दर्ज करायी थी, लेकिन आरोपियों का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है.
एसआरपी जय विश्वास से लेकर मंत्री अरूप राय एक ही बयान दे रहे हैं कि आरोपी दूसरे राज्य में भाग गया है, इसलिए गिरफ्तार करना संभव नहीं हो रहा है.
पार्षद विनय सिंह ने बताया कि उनके घायल भाई की मौत हो गयी, लेकिन मौत को अंजाम देनेवाला आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए पार्षद ने कहा कि कानून पर भरोसा है. उम्मीद है कि उनका यह भरोसा बरकरार रहेगा. वहीं, एसआरपी जय विश्वास ने बताया कि छापेमारी जारी है, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई है. आरोपियों के दूसरे राज्यों में भाग जाने के कारण पुलिस का काम थोड़ा मुश्किल हो गया है, लेकिन वे जल्द गिरफ्तार होंगे.
मालूम रहे कि छह अप्रैल को सुबह नौ बजे शालीमार रेल यार्ड में गोलीबारी हुई थी. इस गोलीबारी में पार्षद विनय सिंह के भाई विनोद सिंह व भांजा राजेश सिंह जख्मी हुए थे. दोनों को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां शुक्रवार सुबह विनोद की मौत हो गयी.
शालीमार लॉरी एंड टेम्पो एसोसिएशन के अध्यक्ष कल्पनाथ राय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना शर्मनाक है. शालीमार जीआरपी की लापरवाही यहां साफ सामने आयी है.

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