नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की मुश्किलें बढती जा रही है. एक ओर जहां उनके मनसद ओएसडी संजय कचरु की नियुक्ति पर पीएमओ ने रोक लगा दी है वहीं ताजा घटनाक्रम में चार सांसदों ने प्रधानमंत्री से स्मृति ईरानी के विभाग को बदलने की मांग की है. सांसदो ने इस बाबत राष्ट्रपति से भी अपील की है.
जानकारी के मुताबिक सांसद केसी त्यागी (जदयू), राजीव शुक्ला (कांग्रेस), डी पी त्रिपाठी (एनसीपी) डी राजा (सीपीआई) ने एक साझा बयान जारी किया है जिसमें स्मृति ईरानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है. केसी त्यागी ने कहा कि ईरानी का काम-काज ठीक नहीं चल रहा है इसलिए उनको उस विभाग से हटाकर किसी और को मंत्री बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में उच्च शिक्षा का स्तर गिरा है. त्यागी ने कहा कि भाजपा के अंदर ही एक धडा है जो यह चाहता है कि ईरानी को इस विभाग से हटाया जाय.
वहीं त्रिपाठी ने सीधे-सीधे तौर पर विभाग बदलने की मांग तो नहीं की लेकिन कहा कि उनके काम-काज का तरीका सही नहीं है. ईरानी के काम-काज के तौर-तरीकों में बदलाव किया जाना चाहिए. त्रिपाठी ने कहा कि नामी और बडे शिक्षण संस्थाओं जैसे आईआईटी, आईआईएम, डीयू आदि के क्रियाकलाप में जिस तरह से हस्तक्षेप किया जा रहा है उससे इन संस्थाओं के साख और क्रियाकलाप पर असर पडा है.
गौरतलब है कि स्मृति ईरानी ओएसडी के पद पर संजय काचरू को बैठाना चाहती थी जिसे आज सरकार की ओर से हरी झंडी नहीं मिली. काचरू को मंत्रालय आने से मना कर दिया गया है. वह पिछले दस महीने से अनौपचारिक तौर पर इस पद पर काम कर रहे थे.
स्मृति ईरानी को इससे पहले बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनको जगह नहीं मिल पायी थी जिसके बाद चर्चा का बाजार गर्म था.