II उर्मिला कोरी II
फिल्म: मिस्टर एक्स
निर्माता: विशेष फिल्म्स
निर्देशक: विक्रम भट्ट
संगीतकार: जीत गांगुली, अंकित तिवारी
कलाकार: इमरान हाशमी, अमायरा दस्तूर, अरुणोदय
रेटिंग: एक
विक्रम भट्ट, विशेष फिल्म्स और इमरान हाशमी परदे पर अब तक कई सफल फिल्में दे चुके हैं. यह तिकडीफिल्म मिस्टर एक्स में एक बार फिर साथ नजर आयी है. इस बार फिल्म की कहानी एक अदृश्य आदमी की है. जी हां मिस्टर इंडिया की तरह मिस्टर एक्स है लेकिन इस फिल्म में न तो कहानी है ना ड्रामा और न ही अभिनय.
फिल्म बहुत ही कमजोर कहानी पर टिकी है. जिसका एक एक दृश्य आपको पहले से पता होता है कि अब क्या होगा. फिल्म की कहानी रघु राठौड की है. जो भ्रष्ट सिस्टम का शिकार होता है. उसे मारने की कोशिश होती है लेकिन वह बच जाता है. वह डॉक्टर के पास जा नहीं सकता था. वह एक रिसर्च सेंटर पहुंचता है और अजीबोगरीब हरी दवाई पीकर गायब हो जाता है.
रेडिएशन का इफेक्टस हुआ ऐसी बचकानी दलील कहानी देती नजर आती है. उसके बाद शुरू होता है. रघु के बदले की कहानी है.घिसी पिटे वाकयों और संवादों के साथ फिल्म का आखिरकार अंत हो जाता है. इमरान हाशमी है तो किसिंग सीन भी होंगे ही. इसमे भी हैं. इमरान गायब हैं तो क्या हुआ. हॉलीवुड की बेहतरीन साइंस फिक्शन फिल्में जब सिनेमाघरों में आसानी से उपलब्ध हैं ऐसे में यह फिल्म बीग्रेड की स्तरहीन फिल्म नजर आती है.
अभिनय की बात करें तो इमरान हाशमी का जादूअब बेअसर हो गया है. अमाया दस्तूर ने पूरी फिल्म में एक से ही एक्सप्रेशन दिए हैं. फिल्म की कहानी ने उन्हें पूरा मौका जरुर दिया था. अरुणोदय और बाकी के कलाकार ठीक ठाक रहे हैं. भट्ट कैंप की फिल्में अपनी संगीत के लिए जानी जाती हैं, लेकिन अब उनके संगीत का जादू भी बेअसर होता नजर आ रहा है.
हर गीत भट्ट कैंप के पुराने गीतों की याद दिला रहा था. फिल्म एक पल मुंबई में तो दूसरा ही शॉट बैकॉक पहुंच जाता है. यह बात बहुत ही बचकानी लगती है. फिल्म का स्पेशल इफेक्टस भी साधारण हैं. कुल मिलाकर मिस्टर एक्स से बचकर रहने में ही भलाई है.