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एफआइआइ छूट मांगने के बजाय अदालत का दरवाजा ठकठकायें : राजस्व सचिव
नयी दिल्ली : सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर 40,000 करोड़ रुपये कर वसूली के नोटिस के मामले में कोई नरमी बरतने से इनकार करते हुए आज कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआइआइ) को पिछली तारीख से छूट मांगने के बजाय कर मांग के खिलाफ अदालत का रुख करना चाहिए. राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने […]
नयी दिल्ली : सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर 40,000 करोड़ रुपये कर वसूली के नोटिस के मामले में कोई नरमी बरतने से इनकार करते हुए आज कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआइआइ) को पिछली तारीख से छूट मांगने के बजाय कर मांग के खिलाफ अदालत का रुख करना चाहिए.
राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि एफआइआइ ने इस वर्ष 31 मार्च से पहले के वर्षों में अर्जित पूंजी लाभ पर 20 प्रतिशत न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाने के खिलाफ एडवांस रुलिंग प्राधिकार (एएआर) के समक्ष अपील की थी और वे वहां मुकदमा हार चुके हैं.
उन्होंने कहा ‘यदि आप किसी न्यायिक फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो अगला कदम है कि उससे उंचे न्यायिक मंच में अपील करें.’
यह पूछे जाने पर कि क्या एफआइआइ को एएआर के फैसले के बाद कोई राहत दी जा सकती है, दास ने कहा ‘इसका जवाब यह नहीं है कि सरकारी संस्थाओं के चक्कर लगाये जाएं और यह उम्मीद की जाए कि सरकार अपनी तरह से कोई राहत देगी या पिछली तारीख से राहत देने का कानून बनाएगी.’
दास ने हालांकि एफआइआइ से मांगी गयी कुल राशि और संबंधित विदेशी निवेशकों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार किया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली जिन्होंने इससे पहले कहा था कि भारत कर चोरी की पनाहगाह नहीं है और विदेशी निवेशकों पर बकाया कर वसूलने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. उन्होंने इसी सप्ताह के पूर्व में कहा था कि यह राशि 40,000 करोड रुपये है.जेटली ने कल वाशिंगटन में कहा ‘अदालत के फैसले के बाद जो अभी अस्थाई अदालती आदेश है और जिस पर अपील के अधीन है. किसी भी सरकार के लिए यह संभव नहीं है कि वह उस मामले में हस्तक्षेप करे.’
दास ने कहा कि एफआइआइ ने बजट से पहले कुछ समस्याओं के साथ सरकार से संपर्क किया था इसलिए उन्हें चालू वित्त वर्ष से पूंजीगत लाभ पर मैट से छूट दी गई है.
स्वाभाविक है कि यह छूट आगामी अवधि से दी जाएगी और सरकार ने ऐसा ही किया है.’ उन्होंने कहा ‘इसलिए भावी कारोबार पूरी तरह सुरक्षित है और यह मैट के मुद्दे से प्रभावित नहीं है.’
उन्होंने कहा कि सरकार पिछली तारीख से बदलाव वाले कर कानून नहीं लाएगी. दास ने कहा ‘सरकार ने बार-बार कहा है कि यह सरकार पिछली तारीख से कराधान के पक्ष में नहीं है. यह बात नये कर और छूट दोनों ही मामलों पर लागू होती है.’
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