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हत्यारे को उम्रकैद की सजा
20 हजार का लगा जुर्माना तीन फरवरी, 1993 को भूमि विवाद में प्रशांत की हुई थी हत्या बेगूसराय(कोर्ट) : तदर्थ न्यायाधीश दोयम भानु प्रताप सिंह ने अपहरण और हत्या मामले के आरोपित भगवानपुर थाने के तेयाय निवासी अशोक कुमार सिंह उर्फ अशोक सिंह को हत्या में दोषी पाकर आजीवन कारावास तथा 10 हजार अर्थदंड तथा […]
20 हजार का लगा जुर्माना
तीन फरवरी, 1993 को भूमि विवाद में प्रशांत की हुई थी हत्या
बेगूसराय(कोर्ट) : तदर्थ न्यायाधीश दोयम भानु प्रताप सिंह ने अपहरण और हत्या मामले के आरोपित भगवानपुर थाने के तेयाय निवासी अशोक कुमार सिंह उर्फ अशोक सिंह को हत्या में दोषी पाकर आजीवन कारावास तथा 10 हजार अर्थदंड तथा अपहरण में दोषी पाकर 10 वर्ष का कारावास व 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनायी.
अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी प्रभाकर कुमार ने नौ गवाहों की गवाही करायी. आरोपित पर आरोप है कि तीन फरवरी, 1993 की पांच बजे शाम में ग्राम तेयाय भगवानपुर में नौ वर्षीय प्रशांत कुमार का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी.
आरोपित के बयान पर मृतक का कपड़ा पुलिस ने बरामद किया था. मृतक प्रशांत तेयाय कॉलेज के प्राध्यापक रामविलास सिंह का भगीना था, जो दत्तक पुत्र की तरह तेयाय में रहता था. वह समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर में नंदनी गांव का निवासी था. मृतक के पिता रेलवे सुरक्षा अधिकारी थे.
मृतक के चाचा कृष्णानंद ठाकुर समस्तीपुर जिले के नामी वकील हैं. चूंकि तेयाय निवासी रामविलास सिंह को कोई औलाद नहीं था, इसलिए प्रशांत कुमार को दत्तक पुत्र के रूप में तेयाय में रखे हुए थे. जमीन विवाद को लेकर उसकी हत्या करने की आशंका व्यक्त की गयी है. हत्या की प्राथमिकी मृतक की मां मीना देवी ने भगवानपुर थाने में दर्ज करायी थी.
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