इस संबंध में मूल्यांकन निदेशक ने बताया कि छात्र-छात्रओं की प्रतिभा का हनन किसी कीमत पर बरदाश्त नहीं किया जायेगा. चाहे इसके लिए कितनी बड़ी भी कुरबानी क्यों न देनी पड़े. वहीं शिक्षक सुनील कुमार ने बताया कि मूल्यांकन निदेशक द्वारा किसी भी प्रकार का स्पष्टीकरण पूछे बगैर मूल्यांकन कार्य से विरमित करना खुद व खुद वस्तु स्थिति को बयां कर देता है. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन उपरांत उत्तर पुस्तिकाओं को अच्छी तरह से सीलबंद कर दिया जाता है.
ऐसी स्थिति में मूल्यांकन निदेशक कैसे जान गये कि छात्र-छात्रओंकी प्रतिभा का हनन हो रहा है तथा मेरे द्वारा छात्र-छात्रओं को कम नंबर दिये जा रहे हैं. हालांकि शिक्षक सुनील कुमार ने मूल्यांकन निदेशक को पत्र लिख कर वस्तु स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है तथा मामले से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ लालकेश्वर प्रसाद सिंह के साथ साथ जिला पदाधिकारी व डीइओ को भी अवगत कराते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.