हैदराबाद : इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में प्रस्तावित जनता परिवार के साथ गठबंधन का संकेत देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अगर राज्य में भाजपा को रोक दिया जाये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेअसर हो जाएंगे.
रमेश ने कहा कि वह जनता परिवार ताकतों के एक साथ आने का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा, वे (जनता परिवार के दल) जिस तरह के संकट का सामना कर रहे हैं कांग्रेस भी कर रही है. बिहार हम सब के लिए अगला इम्तिहान है. दिल्ली (जहां इस साल चुनाव हुआ) ने (नरेंद्र) मोदी को तबाह कर दिया. और अगर भाजपा बिहार में रोकी जाती है तो मिस्टर मोदी बेअसर हो जाएंगे.
उन्होंने कहा, इसलिए, मुझे लगता है कि भाजपा विरोधी ताकतों की एकजुटता के तौर पर जनता परिवार का साथ आना एक स्वागत योग्य घटनाक्रम है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जदयू के साथ रणनीतिक साझेदारी होगी, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार में नीतीश कुमार सरकार का समर्थन किया है.
उन्होंने कहा, हमने अविश्वास प्रस्ताव (जीतन राम मांझी सरकार) में वोट किया था. हमने नीतीश कुमार के साथ वोट किया था. पिछले कई चुनावों में पराजय का सामना करने वाली पार्टी के आगे के रास्ते के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कांग्रेस का दीर्घकालीन लक्ष्य 2019 लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करना है.
रमेश ने कहा, लेकिन, इससे पहले हमारा फौरी मकसद नवंबर 2015 में बिहार में भाजपा को रोकना है. बिहार में भाजपा को रोकने के लिए हमें जो भी करना पडेगा हम करेंगे…इससे राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ा असर पडेगा. उन्होंने वामपंथी दलों के ह्रास पर भी अफसोस व्यक्त किया.
रमेश ने कहा, वामपंथी दलों की स्थिति देखकर मैं दुखी हूं. मुझे लगता है कि वामपंथी दलों का ह्रास ठीक नहीं है. वाम धर्मनिरपेक्ष, प्रगतिशील मूल्यों की ताकत है. इसकी :वामदलों की: आर्थिक नीतियां हमेशा अद्यतन नहीं रही…उन्होंने कहा, इसकी आर्थिक नीतियां भले ही व्यवहारिक नहीं रही पर बुद्धदेव भट्टाचार्य (पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री) का मनमोहन सिंह की नीति के साथ अच्छा तालमेल रहा.
रमेश ने कहा, कांग्रेस और वाम दल तीन राज्यों (केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा) में प्रतिस्पर्धी हैं. लेकिन, मैं यह एक प्रतिस्पर्धी के तौर पर कह रहा हूं. मैं एक मजबूत भाजपा नहीं चाहता पर राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद मैं एक मजबूत वाम चाहता हूं. रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसान विरोधी है.
उन्होंने आरोप लगाया, हमारा जो नारा है. यह एक हकीकत है. मोदी ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) नहीं बढाया. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना आवंटन घटाकर 8,500 करोड रुपये से 4,500 करोड़ रुपये कर दिया गया…उन किसानों को कोई राहत नहीं दी गयी जिनकी फसल बेमौसमी बारिश से प्रभावित हुयी है.