II अनुप्रिया अनंत II
फिल्म : एक पहेली लीला
कलाकार : सनी लियोन, जय भानुशाली, रजनीश दुग्गल, राहुल देव, जस अरोड़ा
निर्देशक : बॉबी खान
रेटिंग : 1.5 स्टार
राजस्थान की वेशभूषा और वहां के रंग कई हजार साल पहले ऐसे भी हो सकते हैं. यह कल्पना शायद सिर्फ इस फिल्म के मेकर ही कर सकते हैं. या फिर चूंकि फिल्म का हिस्सा उन्होंने सनी लियोने को लिया तो यह उनकी मजबूरी रही होगी. वे सनी लियोन को इस फिल्म की यूएसपी मान बैठे हैं. लेकिन उस्ताद तो कहानी ही है. फिल्म की कहानी पुर्नजन्म पर आधारित है.
एक सिंगर है, जिसे रातों को बुरे सपने आते हैं और वह इन सपनों से छुटकारा पाने के लिए एक पंडित से मिलता है, पंडित नारी शास्त्र द्वारा उसे पुर्नजन्म दिखाता है. और एक पहेली सामने आती है. इस दौर में जबकि बॉलीवुड में पुर्नजन्म की कहानियां नयी नहीं रह गयी. मेकर्स ने फिल्म के क्लाइमेक्स में एक नयी सोच डालने की कोशिश की है. लेकिन सिर्फ उस क्लाइमेक्स के लिए बिना किसी आधार या सोच के इस कहानी को हीरो नहीं माना जा सकता है.
फिल्म में लीला अब मीरा बन चुकी है. वह मॉडल है. और भारत आयी है. वहां उसे उसका प्यार मिलता है. राजस्थान के रणबीर सिंह से उसकी शादी हो जाती है. लेकिन करन जो कि सिंगर है. वह राजस्थान आ पहुंचता है और वही उसे लीला मिलती है. जो कि अब मीरा है. इस दौर में ऐसी कहानियां दर्शा कर मेकर्स न जाने क्या साबित करना चाहते हैं.
बॉलीवुड इस बात से शायद वाकिफ है कि सनी लियोन और उनका सेन्सुअश लोगों को आकर्षित करने में कामयाब होगा. शायद यही वजह है कि जहां जरूरत नहीं है. वहां भी वे सनी को उत्तेजित रूप में दर्शाना चाहते हैं. लेकिन मेकर्स यह भूल गये हैं कि दर्शकों को हिंदी सिनेमा में इससे परे भी कुछ चाहिए.
वर्तमान दौर में दर्शक इतने बेवकूफ नहीं कि उन्हें बेफिजूल की बातें दिखा कर रिझाया जा सके. मेकर्स को समझना होगा कि कहानी ही फिल्म की मापदंड होती है. कब तक बॉक्स ऑफिस की चाबी सनी लियोने जैसे लोगों पर रख कर चलाई जायेगी. सनी लियोने ने फिल्मों में सिर्फ कॉस्टयूम ही बदले हैं. वे अब भी सपाट एक्सप्रेशन ही देती हैं.
जय भानुशाली का फिल्म में बेहद छोटा किरदार है. फिर न जाने वे फिल्म को इस कदर प्रोमोट कर रहे हैं.रजनीश दुग्गल व राहुल देव ने सीमित अभिनय किया है. उनके अभिनव में कुछ भी नजर नहीं आया. गाने बेफिजूल के ठूसे गये हैं.